एम्स को दुर्लभ रोगों का इलाज करने के लिए कहे केंद्र सरकार: उच्च न्यायालय

एम्स को दुर्लभ रोगों का इलाज करने के लिए कहे केंद्र सरकार: उच्च न्यायालय

एम्स को दुर्लभ रोगों का इलाज करने के लिए कहे केंद्र सरकार: उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: February 3, 2022 12:57 am IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) एवं अन्य उत्कृष्ट चिकित्सा केंद्रों को दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों का अविलंब इलाज शुरू करने के लिए कहने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने इन बच्चों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि एम्स समेत उत्कृष्ट चिकित्सा केंद्रों को इन बच्चों के इलाज की खातिर जरूरत होने पर जरूरी धनराशि मुहैया करायी जाए।

उच्च न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता बच्चे डंचेन मस्कुलर डिस्ट्रोपी (डीएमडी) और हंटर सिंड्रोम समेत अन्य दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं । याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया कि वह केंद्र को निर्बाध एवं मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्देश दे क्योंकि इन रोगों का उपचार बहुत महंगा है।

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डीएमडी मांसपेशीय विकार है जो आनुवांशिक है। यह विशेष रूप से लड़कों को प्रभावित करती है एवं उनमें कमजोरी पैदा करती है। हंटर सिंड्रोम भी दुर्लभ रोग है जो परिवार में फैलता है।

न्यायाधीश का आदेश एक फरवरी को आया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कि इलाज करने के अदालत के आदेश के एक महीने बाद भी इस संबंध में कुछ नहीं किया गया।

भाषा

राजकुमार सुभाष

सुभाष


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