नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार पर किसानों की लंबित मांगों को लेकर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है और 26 नवंबर को राजभवनों की ओर मार्च निकालने की घोषणा की है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संघों के निकाय एसकेएम ने आंदोलन के भविष्य का कार्यक्रम तय करने के लिए आठ दिसंबर को एक बैठक बुलाई है।
किसान 19 नवंबर को “फतेह दिवस” या “विजय दिवस” मनाएंगे क्योंकि केंद्र सरकार ने उनके आंदोलन के बाद इसी दिन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने का आदेश दिया था।
एसकेएम के नेता दर्शन पाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के कार्यालयों तक एक से 11 दिसंबर तक मार्च आयोजित किया जाएगा।”
एसकेएम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नौ दिसंबर को विरोध प्रदर्शन खत्म करने के बाद किसानों से किए गए लिखित वादों से पूरी तरह मुकर गई है।
एसकेएम ने दावा किया कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति का गठन किया गया और न ही आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए “झूठे” मामले वापस लिए गए।
एसकेएम ने सरकार पर किसानों की सबसे बड़ी मांग यानी एमएसपी पर कानूनी गारंटी के मामले विचार नहीं करने का भी आरोप लगाया।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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