केंद्र की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना लोकतंत्र का मजाक: ममता बनर्जी

केंद्र की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना लोकतंत्र का मजाक: ममता बनर्जी

केंद्र की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना लोकतंत्र का मजाक: ममता बनर्जी
Modified Date: June 18, 2025 / 05:51 pm IST
Published Date: June 18, 2025 5:51 pm IST

कोलकाता, 18 जून (भाषा)पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाए जाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान का मखौल बताया।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता ने भाजपा पर लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने और उसी संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया, जिसे वह कायम रखने का दावा करती है।

बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी सरकार ‘संविधान हत्या दिवस’ नहीं मनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है। जो लोग संविधान का सम्मान नहीं करते, वे अब इसकी शुचिता को बनाए रखने की बात कर रहे हैं। यह एक मजाक है।’’

 ⁠

केंद्र ने 2024 में घोषणा की थी कि 1975 में देश में आपातकाल लगाने के उपलक्ष्य में हर साल 25 जून को ‘‘संविधान हत्या दिवस’’ के रूप में मनाया जाएगा।

बनर्जी ने कहा, ‘‘जिस तरह से भाजपा संविधान को बदलने और कमजोर करने की कोशिश कर रही है, उसे देखते हुए हम हर दिन ‘संविधान हत्या दिवस’ मना सकते हैं।’’

बनर्जी ने भाजपा की आलोचना करते हुए इसे अलोकतांत्रिक कार्य करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा द्वारा महाराष्ट्र और बिहार में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकारों को गिराना संविधान पर हमला नहीं था?

तृणमूल अध्यक्ष ने भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थानों पर नजर रखने और संतुलन स्थापित करने की प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र के सत्तारूढ़ दल ने यह ठान लिया है कि लोकतंत्र के सभी स्तंभों, चाहे वह निर्वाचन आयोग हो या मीडिया, वह कमजोर हो।

बनर्जी ने कहा, ‘‘हम उन लोगों से लोकतंत्र पर व्याख्यान नहीं सुनना चाहते जो हर दिन लोकतंत्र और (देश के) संघीय ढांचे पर चोट पहुंचा रहे हैं।’’

उन्होंने नोटबंदी जैसे फैसलों के जरिए कथित आर्थिक कुप्रबंधन को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने नोटबंदी के नाम पर देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया, उसकी वजह से आठ नवंबर को ‘अर्थव्यवस्था विनाश दिवस’ के रूप में भी मनाया जाना चाहिए।’’

केंद्रीय नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए बनर्जी ने सवाल किया, ‘‘देश का प्रधानमंत्री कौन है, नरेन्द्र मोदी या अमित शाह? ऐसा लगता है कि अमित शाह देश चला रहे हैं।’’

भाषा धीरज नरेश

नरेश


लेखक के बारे में