चकमा हत्याकांड: फरार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम, धामी ने दिया सख्ती का निर्देश
चकमा हत्याकांड: फरार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम, धामी ने दिया सख्ती का निर्देश
देहरादून, 28 दिसंबर (भाषा) देहरादून जिले के सेलाकुई क्षेत्र में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या के बाद बढ़ते दवाब के बीच पुलिस ने फरार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को ऐसी घटनाओं को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि सरकार अराजक तत्वों से सख्ती से निपटेगी।
पुलिस ने यहां बताया कि नौ दिसंबर को हुई घटना में कथित तौर पर शामिल छह आरोपियों में से पांच को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है जबकि नेपाल के कंचनपुर जिले का रहने वाला यज्ञराज अवस्थी फरार है। उसने बताया कि उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है तथा उसे पकड़ने के लिए पुलिस की टीम विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही हैं। पुलिस की एक टीम को नेपाल भी भेजा गया है।
पुलिस ने बताया कि सेलाकुई बाजार में त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के रहने वाले 24 वर्षीय एंजेल और उसके छोटे भाई माइकल का फिलहाल देहरादून में रह रहे मणिपुर निवासी सूरज ख्वास (22) और उसके पांच दोस्तों के साथ किसी बात पर झगड़ा हो गया था। इसी दौरान आरोपी युवकों ने कथित तौर पर चाकू और कड़े से वार कर एंजेल को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। एंजेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 17 दिन तक चले उपचार के बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गयी थी।
पुलिस ने बताया कि घटना के बाद 12 दिसंबर को माइकल चकमा द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 118, 351(3) के तहत आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गयी।
बाद में एंजेल की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुकदमे में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 जोड़ी गयी और उसी दिन पांच आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया जिनमें से दो आरोपी नाबालिग हैं। पुलिस ने बताया कि एंजेल की मौत होने के बाद अब आरोपियों के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1), 3(5) भी जोड़ दी गयी है।
ख्वास के अलावा गिरफ़्तार आरोपियों की पहचान अविनाश नेगी (25) और सुमित (25) के रूप में हुई है ।
एंजेल यहां के एक विश्वविद्यालय में एमबीए पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष का छात्र था।
धामी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस तरह की कोई भी घटना प्रदेश में स्वीकार्य नहीं है और सरकार अराजक तत्वों से सख्ती से निपटेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरार आरोपी की जल्द गिरफ्तारी के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं और वह जल्द ही पुलिस के शिकंजे में होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले सरकार से रहम की उम्मीद न रखें। ऐसे अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।’’
त्रिपुरा के छात्र की मौत पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार उत्तराखंड में रह रहे हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
इस बीच, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में मणिपुर में तैनात एंजेल के पिता तरुण चकमा ने आरोप लगाया कि उनके बेटे पर चाकू और कड़े से वार करने के दौरान ‘नस्लीय टिप्पणियां’ भी की गयीं।
त्रिपुरा में अपने गांव मछमारा से अपने छोटे बेटे माइकल के हवाले से उन्होंने बताया कि घटना के समय दो दुपहियों पर सवार होकर आए छह आरोपी युवकों ने पहले माइकल को नीचे जमीन पर गिरा दिया जिस पर एंजेल ने आपत्ति की । इस पर उन लोगों ने उसे ‘चिंकी, विंकी, चाइनीज मोमो’ कहते हुए अपशब्द बोलने शुरू कर दिए।
चकमा ने बताया कि एंजेल के यह कहने पर कि वे भी तो भारतीय हैं, चाइनीज थोड़े ही हैं, आरोपियों ने एंजेल की गर्दन और पीठ पर चाकू और कड़े से वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया ।
हालांकि, पुलिस ने मामले को ‘नस्लीय दुर्व्यवहार’ मानने से इनकार कर दिया।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा, ‘‘मामले में शामिल आरोपियों में से एक युवक मणिपुर का निवासी है।’’
भाषा दीप्ति
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