चंद्रयान-2 : इसरो के लिए आई अच्छी खबर, एक साल बढ़ सकता है आर्बिटर का जीवनकाल

चंद्रयान-2 : इसरो के लिए आई अच्छी खबर, एक साल बढ़ सकता है आर्बिटर का जीवनकाल

चंद्रयान-2 : इसरो के लिए आई अच्छी खबर, एक साल बढ़ सकता है आर्बिटर का जीवनकाल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: July 28, 2019 6:31 am IST

बेंगलुरु। इसरो के ​लिए एक अच्छी खबर है यह है कि चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के लिए 22 जुलाई को रवाना हुए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के जीवन काल को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले इसरो ने अनुमान लगाया था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा।

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करीब 978 करोड़ रुपये के मिशन चंद्रयान-2 से जुड़े कम से कम 5 अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि ऑर्बिटर के जीवनकाल को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले इसरो के चेयरमैन के सिवन ने 12 जून को बताया था कि ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल है।

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बता दें कि ऑर्बिटर में लॉन्‍च के समय में 1697 किलोग्राम ईंधन था और 24 तथा 26 जुलाई को दो बार अपनी स्थिति में बदलाव के लिए 130 किलोग्राम अतिरिक्‍त ईंधन भरा गया था। शनिवार को ऑर्बिटर में 1500 किलोग्राम से ज्‍यादा ईंधन बचा हुआ था। इस मिशन से जुड़े एक वैज्ञानिक ने कहा कि ज्‍यादा अच्‍छे तरीके से लॉन्चिंग होने की वजह से 40 किलो ईंधन बच गया है।

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ऑर्बिटर के पास 290.2 किलोग्राम ईंधन होना जरूरी
एक अन्‍य वैज्ञानिक ने कहा, ‘शुरुआती प्‍लान में अतिरिक्‍त ईंधन आपातकालीन स्थितियों के लिए दिया गया था। वर्तमान अनुमान के मुताबिक हमारे पास आर्बिट में एक साल से ज्‍यादा समय तक काम करने के लिए ईंधन है।’ इससे पहले सिवन ने कहा था कि अब नौ बार और स्‍थान परिवर्तन किया जाएगा जिसमें ऑर्बिटर के ईंधन को इस्‍तेमाल किया जाएगा।

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कक्षा में सारे बदलाव के बाद अंत में ऑर्बिटर के पास 290.2 किलोग्राम ईंधन होना चाहिए ताकि चंद्रमा के चक्‍कर लगा सके। एक वैज्ञानिक ने कहा, ‘अभी इतना ईंधन है कि चंद्रमा की कक्षा में दो साल तक चक्‍कर लगाया जा सकता है।’

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com