नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) चेन्नई में तैनात रहे एक पूर्व अधिकारी और एक ट्रैवल एजेंट को लोगों को प्रवासन मंजूरी जारी करने के लिए कथित रिश्वत लेने से जुड़े मामले में धन शोधन रोधी कानून के तहत दोषी ठहराया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पूर्व प्रवासी संरक्षक आर. शेखर और ‘क्लासिक टूर्स एंड ट्रैवल्स’ के ट्रैवल एजेंट के. अनवर हुसैन को 11 जनवरी को चेन्नई में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
प्रवासियों के संरक्षक इच्छुक प्रवासियों को उत्प्रवास मंजूरी प्रदान करने की जिम्मेदारी का निर्हवन करते हैं। विदेश मंत्रालय के तहत प्रवासियों के संरक्षक जनरल के अधीन वह इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं।
ईडी ने एक बयान में कहा कि अदालत ने दोनों दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
बयान में कहा गया है कि शेखर ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और लोगों को प्रवासन मंजूरी जारी करने के लिए के. अनवर हुसैन के माध्यम से विभिन्न भर्ती एजेंट से कुल 2,03,94,900 रुपये की रिश्वत ली।
इसमें कहा गया है कि शेखर जनवरी 2007 से जुलाई 2009 के बीच चेन्नई में तैनात थे।
ईडी ने दोनों के खिलाफ 2015 में आरोप पत्र दाखिल किया था।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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