मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित मतदाताओं की सूची मांगी जाएगी : अभिषेक

मुख्य निर्वाचन आयुक्त से 'तार्किक विसंगतियों' के लिए चिह्नित मतदाताओं की सूची मांगी जाएगी : अभिषेक

मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित मतदाताओं की सूची मांगी जाएगी : अभिषेक
Modified Date: December 27, 2025 / 10:07 pm IST
Published Date: December 27, 2025 10:07 pm IST

कोलकाता, 27 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को कहा कि वह 31 दिसंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार से मिलेंगे और उनसे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित किए गए 1.31 करोड़ मतदाताओं की सूची प्रकाशित करने का आग्रह करेंगे।

कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग को सूची प्रकाशित करने के लिए एक समय सीमा देंगे और यदि मांग पूरी नहीं हुई तो उसके कार्यालय का घेराव करेंगे।

उन्होंने पूछा, ‘‘मैं 31 दिसंबर को दिल्ली जाऊंगा और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर जवाब मांगूंगा। निर्वाचन आयोग नामों की सूची क्यों जारी नहीं कर रहा है? क्या यह आंकड़ा बंगाल में एसआईआर के बाद भाजपा द्वारा निर्धारित 1-1.5 करोड़ नामों को हटाने के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए है?’’

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उन्होंने कहा, ‘ज्ञानेश कुमार मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं और वह देश की जनता के प्रति जवाबदेह हैं।’

अधिकारियों के अनुसार, 16 दिसंबर को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में लगभग 1.36 करोड़ प्रविष्टियों को ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित किया गया है, जबकि 30 लाख मतदाताओं को ‘अमान्य’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिन्हें अगले कुछ हफ्तों में सत्यापन सुनवाई के लिए बुलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ‘तार्किक विसंगतियों’ में पिता के गलत या बेमेल नाम, छह से अधिक बच्चों वाले मतदाताओं का पंजीकरण, माता-पिता या दादा-दादी के साथ उम्र का अविश्वसनीय अंतर और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को गलत तरीके से ‘नए मतदाता’ के रूप में दिखाना शामिल है।

डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर के तहत मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद हटाए गए 58.20 लाख नामों में से अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की संख्या बतानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनसंख्या 10.05 करोड़ है, और केवल 5.79 प्रतिशत लोगों के नाम ही हटाए गए हैं।

ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘यह उन सभी राज्यों में सबसे कम है जहां एसआईआर आयोजित किया जा रहा है।’’ उन्होंने दावा किया कि ‘‘एजेंडा (केंद्र का) राज्य के लोगों को परेशान करना है’’।

तृणमूल नेता ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां स्वस्थ और सेहतमंद लोगों को भी मतदाता सूची में मृत दिखाया गया है। उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की जानी चाहिए? आप एसआईआर के जरिए जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। लोग प्राथमिकी दर्ज कराकर अपना जवाब देंगे।’

भाषा आशीष माधव

माधव


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