सीडीएस जनरल चौहान ने सेना की उत्तरी व पश्चिमी कमान की ‘रणनीतिक समीक्षा’ की

सीडीएस जनरल चौहान ने सेना की उत्तरी व पश्चिमी कमान की 'रणनीतिक समीक्षा' की

सीडीएस जनरल चौहान ने सेना की उत्तरी व पश्चिमी कमान की ‘रणनीतिक समीक्षा’ की
Modified Date: May 25, 2025 / 10:17 pm IST
Published Date: May 25, 2025 10:17 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना के उत्तरी और पश्चिमी कमान में युद्ध की तैयारियों की रणनीतिक समीक्षा की।

अभियान के दौरान प्रमुख भूमिका निभाने वाली दो महत्वपूर्ण कमानों के अलग-अलग दौरों में जनरल चौहान ने समग्र तालमेल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्यों को समय पर पूरा करने की सराहना की।

सेना के मुताबिक, सीडीएस ने रणनीतिक समीक्षा और परिचालन मूल्यांकन करते हुए “उभरते खतरों” से निपटने के लिए सेवाओं में निरंतर सतर्कता, संयुक्तता और तालमेल के महत्व पर जोर दिया।

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शीर्ष सैन्य अधिकारी ने दोनों कमानों से “शत्रु” द्वारा निशाना बनाए गए नागरिकों के पुनर्वास में भी मदद करने का आह्वान किया।

सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में उत्तरी कमान के मुख्यालय में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने जनरल चौहान को परिचालन तैयारियों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के खात्मे के प्रयासों की जानकारी दी।

हरियाणा के चंडीमंदिर में पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने सीडीएस को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बलों द्वारा की गई काइनेटिक और नॉन काइनेटिक दंडात्मक प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी।

काइनेटिक वॉरफेयर युद्ध के पारंपरिक रूपों को संदर्भित करता है जिसमें शारीरिक बल एवं प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई शामिल होता है। नॉन-काइनेटिक वॉरफेयर से तात्पर्य ऐसी रणनीतियों एवं युक्तियों से है जिनका उद्देश्य प्रत्यक्ष शारीरिक हिंसा के उपयोग के बिना सैन्य या राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करना है। साइबर हमला, ड्रोन हमला, पेजर विस्फोट, उपकरणों में विस्फोट आदि घटनाओं को नॉन-काइनेटिक वॉरफेयर के उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है।

सेना ने एक बयान में कहा, “पश्चिमी सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति को रेखांकित करते हुए परिचालन वातावरण, रक्षा तैयारियों और ऑपरेशन के प्रमुख परिणामों का विस्तृत विवरण प्रदान किया गया।”

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश


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