नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) दिल्ली विधानसभा ने अपने परिसर में विभिन्न विभागों के कब्जे वाले हिस्सों को खाली कराकर वहां एक संग्रहालय, एक सभागार और एक प्रदर्शनी गैलरी स्थापित करने के लिए मुख्य सचिव से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
विधानसभा सचिवालय विधानसभा परिसर को राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख विरासत स्थल के रूप में विकसित कर रहा है।
मुख्य सचिव धर्मेंद्र को हाल ही में लिखे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा परिसर का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय, दिल्ली फार्मेसी काउंसिल और भारत सरकार के प्रकाशन विभाग के कब्जे में है।
गुप्ता ने कहा कि इस हिस्से को प्राथमिकता के आधार पर खाली किया जाना चाहिए ताकि वहां एक संग्रहालय, एक प्रदर्शनी गैलरी, एक सभागार और आगंतुकों के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जा सके।
अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा सचिवालय द्वारा संबंधित विभागों को किए गए पत्राचार का कोई नतीजा नहीं निकला।
गुप्ता ने पत्र में कहा, ‘मैं इस मामले में आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं ताकि संबंधित विभागों को विधानसभा परिसर में उनके कब्जा वाले स्थानों को जल्द से जल्द खाली करने का निर्देश दिया जा सके, क्योंकि स्थान की आवश्यकता तुरंत है।’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा भवन का व्यापक नवीनीकरण और ऐतिहासिक स्मारक के रूप में संरक्षण किया जाएगा ताकि इसकी समृद्ध विरासत और वास्तुशिल्प महत्व को दर्शाया जा सके।
अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, अभिलेखागार विभाग और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ हाल में कई बैठकें कीं, ताकि योजनाबद्ध कार्यों के लिए व्यवहार्यता रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा सके।
उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि गुप्ता ने विधानसभा के राष्ट्रीय विरासत स्थल के रूप में प्रस्तावित विकास को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की और बिरला ने उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
भाषा
नोमान अविनाश
अविनाश
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