मेघालय में सिर्फ 10 साल की उम्र से बच्चे करने लगते हैं नशा: अध्ययन

मेघालय में सिर्फ 10 साल की उम्र से बच्चे करने लगते हैं नशा: अध्ययन

मेघालय में सिर्फ 10 साल की उम्र से बच्चे करने लगते हैं नशा: अध्ययन
Modified Date: August 11, 2025 / 11:22 am IST
Published Date: August 11, 2025 11:22 am IST

शिलांग, 11 अगस्त (भाषा) मेघालय के लोग महज 10 साल की उम्र से ही नशा करना शुरू कर देते हैं जबकि मणिपुर और नगालैंड में नशा करने की शुरुआत की औसत उम्र 22 साल है। एक हालिया अध्ययन में यह जानकारी सामने आई।

‘इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ (अप्रैल-जून 2025 संस्करण) में प्रकाशित यह अध्ययन भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान-शिलांग और मेघालय एड्स नियंत्रण समिति के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया।

इस अध्ययन के तहत पूर्वी खासी हिल्स, पश्चिम जयंतिया हिल्स और पूर्वी जयंतिया हिल्स में नशा छोड़ने की दवा ले रहे 128 लोगों और 17 सेवा प्रदाताओं (जो इलाज में मदद करते हैं) से बात की गई।

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अध्ययन में पाया गया कि लोग औसतन 19 साल की उम्र में ही नशे का सेवन शुरू कर देते हैं। इसमें से एक-तिहाई से अधिक लोगों ने नाबालिग रहते हुए ही नशे का सेवन शुरू कर दिया था और करीब एक-चौथाई ने स्कूल जाने की उम्र में नशा शुरू कर दिया।

इसके मुताबिक, नशा करने वालों में 91 प्रतिशत से अधिक पुरुष हैं, 80 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और आधे से अधिक लोगों ने 10 साल से कम उम्र में ही नशा करना शुरू कर दिया था।

अध्ययन में कहा गया कि नशा करने के मुख्य कारकों में जिज्ञासा (कुछ नया आजमाने की चाह), पारिवारिक समस्याएं, साथियों का दबाव और तनाव से राहत पाना है।

इसमें कहा गया कि नशे के लिए हेरोइन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया जिसके लिए रोजाना 500 रुपये से 2,000 रुपये या कई बार तो 2,500 रुपये तक खर्च कर देते हैं।

इसमें कहा गया कि बाजारों और मोबाइल के जरिए लेन-देन के कारण मादक पदार्थ तक ‘पहुंच’ आसान हो गई है।

अध्ययन में पाया गया कि जब दोस्तों से मुफ्त में नशा मिलना बंद हो जाता है तो कई लोग रुपये उधार लेना या चोरी करना तक शुरू कर देते हैं।

शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि कम उम्र में नशा शुरू करने से लंबे समय तक इसकी लत लगने का खतरा बढ़ जाता है।

भाषा खारी सिम्मी

सिम्मी


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