प्रत्यर्पण संधि के प्रावधान को चुनौती देने वाली क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका पर नहीं हुआ विचार

प्रत्यर्पण संधि के प्रावधान को चुनौती देने वाली क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका पर नहीं हुआ विचार

प्रत्यर्पण संधि के प्रावधान को चुनौती देने वाली क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका पर नहीं हुआ विचार
Modified Date: November 17, 2025 / 04:40 pm IST
Published Date: November 17, 2025 4:40 pm IST

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच प्रत्यर्पण संधि के एक प्रावधान को चुनौती दी गई है।

उसने 1999 में हस्ताक्षरित संधि के अनुच्छेद 17 को चुनौती दी है जो अनुरोधकर्ता राज्य (इस मामले में भारत) को प्रत्यर्पित व्यक्तियों पर न केवल उस विशिष्ट अपराध के लिए, जिसके लिए प्रत्यर्पण किया गया था, बल्कि उससे जुड़े अपराधों के लिए भी मुकदमा चलाने की अनुमति देता है।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने याचिका पर वर्तमान स्वरूप में विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि जब परिणाम स्वरूप होने वाली कोई राहत नहीं मांगी गई है तो वह इस प्रावधान को संविधान के विरुद्ध घोषित नहीं कर सकती।

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पीठ ने कहा, ‘‘कोई परिणामी राहत नहीं मांगी गई है। हमें केवल घोषणा क्यों करनी चाहिए? एक बेहतर याचिका दायर करें। आपके पास दो विकल्प हैं – याचिका को नए सिरे से दायर करने की स्वतंत्रता या आप तर्क देंगे और हम सुनवाई करेंगे और फैसला करेंगे। लेकिन तब हम कोई राहत नहीं देंगे।’’

पीठ ने कहा, ‘‘घोषणा केवल तभी की जा सकती है जब कार्रवाई का कोई कारण हो। हम केवल घोषणा नहीं कर सकते। कार्रवाई की वजह कहां है?’’

इस संधि के तहत दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किए गए जेम्स के वकील ने तर्क दिया कि प्रत्यर्पित व्यक्ति पर केवल उन्हीं अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है जिनके लिए प्रत्यर्पण हुआ है, न कि उनसे जुड़े अन्य अपराधों के लिए।

प्रत्यर्पण के बाद जेम्स को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया।

वह इस मामले में जांच के दायरे में आए तीन कथित बिचौलियों में से एक है और अन्य दो गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा हैं।

सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आठ फरवरी, 2010 को 55.6262 करोड़ यूरो मूल्य के वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए हुए सौदे के कारण सरकारी खजाने को 39.821 करोड़ यूरो (लगभग 2,666 करोड़ रुपये) का अनुमानित नुकसान होने का आरोप लगाया है।

ईडी ने जून 2016 में जेम्स के खिलाफ दायर आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) प्राप्त किए थे।

भाषा संतोष माधव

माधव


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