नगर निकाय चुनाव: मद्रास उच्च न्यायालय ने महिलाओं के लिए अधिक सीट आवंटन का आदेश रद्द किया

नगर निकाय चुनाव: मद्रास उच्च न्यायालय ने महिलाओं के लिए अधिक सीट आवंटन का आदेश रद्द किया

नगर निकाय चुनाव: मद्रास उच्च न्यायालय ने महिलाओं के लिए अधिक सीट आवंटन का आदेश रद्द किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: January 11, 2022 7:16 pm IST

चेन्नई, 11 जनवरी (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया, जिसमें चेन्नई शहर के आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत से अधिक सीट आवंटित की गई थीं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति पीडी ऑदिकेसवालु की प्रथम पीठ ने आर पार्थिबन की एक जनहित याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए 2019 में जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया।

प्रथम दृष्टया यह पाते हुए कि अधिसूचना से संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, पीठ ने इसे रद्द कर दिया और राज्य निर्वाचन आयोग को शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए सीट आरक्षण को केवल 50 प्रतिशत तक सीमित करने का निर्देश दिया।

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याचिकाकर्ता ने कहा था कि ग्रेटर चेन्नई नगर निगम की 200 सीट में से 105 सीट महिलाओं को आवंटित किया जाना पुरुषों के साथ भेदभाव करने जैसा है।

मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि कुल 200 सीट में से 105 सीट अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग दोनों में महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थीं। उन्होंने कहा था कि महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की नीति के अनुसार, सामान्य वर्ग में केवल 84 सीट आवंटित की जानी चाहिए थीं तथा इस मानदंड का उल्लंघन करते हुए महिलाओं को अधिक सीट आवंटित की गईं जो पुरुषों के साथ भेदभाव है।

भाषा नेत्रपाल वैभव

वैभव


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