सीजेआई ने हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिए सिंगापुर की मदद मांगी

सीजेआई ने हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिए सिंगापुर की मदद मांगी

सीजेआई ने हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिए सिंगापुर की मदद मांगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 pm IST
Published Date: June 17, 2021 12:21 pm IST

हैदराबाद, 17 जून (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्यिक विवादों को निपटाने के वास्ते यहां अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (आईएसी) स्थापित करने के लिए सिंगापुर के अपने समकक्ष से मदद मांगी है क्योंकि शहर विश्व से भौगोलिक रूप से अच्छी तरह जुड़ा है।

यहां राजभवन में प्रवास कर रहे प्रधान न्यायाधीश ने एक अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्होंने यह सुझाव भी दिया है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव प्रस्तावित प्रतिष्ठान के लिए शुरू में आवश्यक अवसंरचना संबंधी सहायता उपलब्ध कराएं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सिंगापुर के प्रधान न्यायाधीश से बात की…वह कृत्रिम बुद्धिमता के बारे में भारत से कुछ मदद चाहते हैं।’’

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न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि सिंगापुर के प्रधान न्यायाधीश यह जानना चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय किस तरह कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल कर रहा है…‘‘और मैंने उनसे अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने में मदद मांगी क्योंकि विश्व का सर्वश्रेष्ठ मध्यस्थता केंद्र सिंगापुर में है। इसके लिए वह सहमत हो गए।’’

उन्होंने रेखांकित किया कि ज्यादातर कंपनियां अपने विवादों को निपटाने के लिए लंदन या सिंगापुर जाती हैं, जबकि हैदराबाद भौगोलिक रूप से केंद्र में स्थित है और यह खाड़ी, यूरोपीय तथा एशियाई देशों से अच्छी तरह से जुड़ा है।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि अगस्त में मध्यस्थता विषय पर एक सम्मेलन होगा और वह मुद्दे पर सिंगापुर के प्रधान न्यायाधीश से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मध्यस्थता विषय पर अगस्त में किसी समय सम्मेलन होगा। मुझे जगह के बारे में नहीं पता। यह महामारी संबंधी स्थिति पर निर्भर करेगा कि सम्मेलन वर्चुअल होगा या भौतिक रूप से।’’

सीजेआई ने कहा कि हैदराबाद आईएसी के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थल है।

भाषा

नेत्रपाल उमा

उमा


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