कस्बा ‘सामूहिक दुष्कर्म’ मामले में वामपंथी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प
कस्बा ‘सामूहिक दुष्कर्म’ मामले में वामपंथी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प
कोलकाता, 27 जून (भाषा) दक्षिण कोलकाता के एक कॉलेज परिसर में एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के विरोध में कस्बा पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे वामपंथी छात्र संगठन ‘एसएफआई’ और युवा संगठन ‘डीवाईएफआई’ के सदस्यों को हटाने के लिए सुरक्षा कर्मियों द्वारा बल प्रयोग किए जाने पर पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गयी।
झड़प में कई प्रदर्शनकारियों के घायल होने की खबरें हैं और पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें शहर पुलिस के मुख्यालय लालबाजार ले जाया गया।
यादवपुर प्रखंड की पुलिस उपायुक्त बिदिशा कालिता दासगुप्ता के नेतृत्व में लाठियां लहराते पुलिस और आरएएफ कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी ने कस्बा में राजदंगा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया और इसी दौरान झड़पें हुईं।
प्रदर्शनकारियों को पुलिसकर्मियों के हाथों से डंडे छीनने की कोशिश करते देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने अपने कुछ साथियों को पुलिस कर्मियों की गिरफ्त से छुड़ाने की भी कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सड़क पर काफी दूर तक उनका पीछा भी किया।
प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में कस्बा पुलिस थाने के बाहर एकत्र हुए थे, जहां बुधवार को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ संस्थान परिसर के अंदर कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था।
इससे पहले जादवपुर की उपायुक्त ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है और पूरी गहनता के साथ जांच कर रही है।
उपायुक्त ने लिखा, ‘‘ कस्बा पुलिस ने कानून की छात्रा से जुड़ी यौन उत्पीड़न की शिकायत पर तेजी से और निर्णायक रूप से कार्रवाई की। बिना देरी के प्राथमिकी दर्ज की गई और 12 घंटे के भीतर शिकायत में नामित सभी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एक जुलाई 2025 तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच पूरी गंभीरता, पेशेवराना अंदाज से और संवेदनशीलता के साथ की जा रही है। हम जनता और डिजिटल मंचों से अपील करते हैं कि वे असत्यापित या भ्रामक सामग्री प्रसारित करने से बचें क्योंकि इससे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है या इसमें शामिल लोगों की गरिमा से समझौता हो सकता है।’’
भाषा शोभना नरेश
नरेश

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