मुख्यमंत्री ने अस्पताल में मारपीट की जांच दोबारा किए जाने का भरोसा दिया, डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की

मुख्यमंत्री ने अस्पताल में मारपीट की जांच दोबारा किए जाने का भरोसा दिया, डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की

मुख्यमंत्री ने अस्पताल में मारपीट की जांच दोबारा किए जाने का भरोसा दिया, डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की
Modified Date: December 28, 2025 / 09:38 pm IST
Published Date: December 28, 2025 9:38 pm IST

शिमला, 28 दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मरीज-चिकित्सक के बीच हुए झगड़े की फिर से जांच किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद रविवार को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के डॉक्टरों ने यहां अपनी हड़ताल खत्म कर दी।

इस घटना के कारण आरोपी चिकित्सक को सेवा से हटा दिया गया था।

शिमला स्थित आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि आरोपी डॉक्टर की बर्खास्तगी को भी रद्द किया जा सकता है।

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डॉक्टरों के संघ ने कहा कि रविवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को व्यापक जनहित में तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।

आरोपी चिकित्सक की बर्खास्तगी के बाद शनिवार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी, जिसके चलते राज्य के कुछ हिस्सों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य चिकित्सा सेवाएं बाधित रहीं। शुक्रवार को रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर थे।

इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री सुक्खू ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की और कहा कि उन्होंने अधिकारियों को घटना की जांच फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।

सुक्खू ने नयी दिल्ली से लौटने पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर डॉक्टर बातचीत जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें अपना अहंकार त्यागकर हड़ताल खत्म करनी चाहिए और कल से काम पर लौट आना चाहिए। मैं इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के वरिष्ठ डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाऊंगा क्योंकि अभी कुछ भी तय नहीं है। अगर डॉक्टर को लगता है कि उन्हें दंडित किया गया है, तो फैसलों पर पुनर्विचार किया जा सकता है।’’

सुक्खू ने यह भी कहा कि डॉक्टर को मरीज के साथ ‘‘मारपीट’’ करने के बजाय शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी।

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के डॉ. राघव नरूला को एक मरीज के साथ हाथापाई के बाद सेवा से हटा दिया गया था।

भाषा

शफीक नरेश

नरेश


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