मुख्यमंत्री की पत्नी का भूखंड का स्वामित्व छोड़ने का फैसला आरोप की स्वीकारोक्ति : भाजपा
मुख्यमंत्री की पत्नी का भूखंड का स्वामित्व छोड़ने का फैसला आरोप की स्वीकारोक्ति : भाजपा
बेंगलुरु, एक अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र ने मंगलवार को कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बी एम का 14 भूखंडों का स्वामित्व और कब्जा छोड़े जाने का फैसला मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले में गलत काम करने को आधिकारिक रूप से स्वीकार करने के समान है और इस मामले में मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
विजयेंद्र ने पार्वती के कदम को एक ‘‘राजनीतिक नाटक’’ करार दिया और आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य ‘‘कानूनी बाधाओं से बचना’’ है। उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले सिद्धरमैया को राज्यपाल (थावरचंद गहलोत) से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने उन पर केंद्र के हाथों की कठपुतली की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया था।’’
विजयेंद्र ने सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान करने की मांग की जिनकी शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एमयूडीए प्रकरण के संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था। संघीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईसीआईआर पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है।
इसके कुछ घंटों बाद पार्वती ने एमयूडीए के आयुक्त को पत्र लिखकर मैसूरु के 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की है।
भाषा
सिम्मी नरेश
नरेश

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