आयोग ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा के पर्यवेक्षकों से फर्जी विमर्शों से सचेत रहने को कहा
आयोग ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा के पर्यवेक्षकों से फर्जी विमर्शों से सचेत रहने को कहा
नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए तैनात किए जा रहे अपने 400 से अधिक पर्यवेक्षकों को चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले फर्जी विमर्शों के प्रति सतर्क रहने और त्वरित जवाब सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि आयोग के प्रतिनिधियों के रूप में उनसे पेशेवर तरीके से आचरण करने और उम्मीदवारों और जनता सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ होने की उम्मीद की जाती है।
उन्होंने पर्यवेक्षकों को भाषा की बाधाओं को दूर करने और यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि संचार में कोई खामी न हो।
उन्होंने पर्यवेक्षकों को याद दिलाया कि वे पार्टियों, उम्मीदवारों, मतदाताओं और निर्वाचन आयोग की चौकस निगाहों में होंगे।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में करीब 200 सामान्य पर्यवेक्षक, 100 पुलिस पर्यवेक्षक और इतने ही व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं।
सीईसी कुमार ने अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाले झूठे विमर्शों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी।
निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए संपूर्ण चुनाव पारिस्थितिकी तंत्र का पालन करना चाहिए।
विधानसभा चुनाव को लेकर उत्सुकता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि चुनावों के संचालन की मजबूती के लिए पहुंच, दृश्यता और जवाबदेही आवश्यक है।
चुनाव प्राधिकार के अनुसार प्रेक्षकों को सख्त निर्देश दिया गया है कि वे सभी दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं से उनकी शिकायतों के समय पर समाधान के लिए उपलब्ध रहें।
इस संबंध में किसी भी शिकायत को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।
जमीन पर आयोग की आंखों और कानों के रूप में, पर्यवेक्षकों को पूरी ईमानदारी के साथ निरंतर सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।
चुनाव आयोग जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20 बी और संविधान की पूर्ण शक्तियों के तहत पर्यवेक्षकों की तैनाती करता है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों को पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया जाता है।
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र पवनेश
पवनेश

Facebook



