इस बार के बजट सत्र में मध्यम वर्गीय परिवार का रखा जाएगा खास ख्याल, निर्मला सीतारमण ने टैक्स को लेकर कही बड़ी बात
Budget for common man 2023 हमें मध्यमवर्गीय परिवार की दिक्कतें पता हैं, हम इन दिक्कतों को समझते हैं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
Budget for Private employees
Budget for common man 2023: बजट सत्र 2023 की शुरूआत होने जा रही है। 31 जनवरी से 6 अप्रैल तक सत्र चलेगा। 66 दिनों के इस सत्र में 27 बैठकें होनी है। यूनियन बजट को लेकर कई लोगों को उम्मीद है। तो वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले मध्यमवर्गीय परिवार को लिए बड़ी बात कही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी बजट से पहले आम नागरिकों को बड़ी राहत देने की ओर इशारा किया है। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के बजट सत्र में आम आदमी को लिए राहत की खबर सामने आ सकती है। बढ़ती महंगाई के बीच इस बार का बजट सत्र आम जनता की जेब को राहत दे सकता है।
Budget for common man 2023: वित्त मंत्री ने कहा कि मैं मध्य वर्गीय परिवार से आती हूं और मैं खुद को मध्यमवर्गीय मानती हूं और यह वजह है कि मध्यमवर्गीय लोगों की दिक्कतों को समझती हूं। मोदी सरकार ने अभी मध्यवर्गीय परिवार पर अभी तक किसी तरह का कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। किसी भी बजट में मध्यवर्गीय परिवार पर मोदी सरकार ने अभी तक कोई टैक्स नहीं लगाया है। जो लोग 5 लाख रुपए तक की सैलरी पाते हैं उनपर मोदी सरकार ने कोई टैक्स नहीं लगाया है। जिस तरह से निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब को लेकर यह बात कही है माना जा रहा है कि इस बार के बजट में भी वित्त मंत्री मध्यवर्गीय परिवार पर कोई नया टैक्स नहीं लगाएंगी।
Budget for common man 2023: वित्त मंत्री ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मध्यमवर्गीय लोग करते हैं, हम 27 जगहों पर मेट्रो लेकर आए हैं। कई मध्यम वर्गीय परिवार नौकरी की तलाश में इन शहरों में आ रहे हैं और यहां बस रहे हैं। यही वजह है कि हम स्मार्ट सिटी बसाने पर लगातार ध्यान दे रहे हैं। हम आगे भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए काम करते रहेंगे। हमने 100 स्मार्ट सिटी के लिए फंड का आवंटन किया है। हमने मध्यम वर्गीय परिवार के जेब में पैसा नहीं डाला है लेकिन क्या स्मार्ट शहरों से लोगों को फायदा नहीं मिला है। मेट्रो ट्रेन, पीने का पानी जैसी व्यवस्था नहीं मिली है। हम मिडिल क्लास लोगों के लिए और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। मैं लोगों की दिक्कतों को सुन रही हूं, मैं इन दिक्कतों को समझ भी रही हूं। हम आने वाले समय में भी इसे जारी रखेंगे।

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