कांग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों को मानती है अपना वोटबैंक, लेकिन भाजपा भेजेगी उन्हें वापस: अमित शाह
कांग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों को मानती है अपना वोटबैंक, लेकिन भाजपा भेजेगी उन्हें वापस: अमित शाह
(तस्वीरों के साथ)
बोरदुवा (असम), 29 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस असम के लोगों, उनकी संस्कृति, भूमि और पहचान के लिए खतरा पैदा करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपना वोट बैंक मान रही है।
शाह ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र न केवल असम, बल्कि पूरे भारत में पड़ोसी देश से आए सभी अवैध प्रवासियों की पहचान करेगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि 1983 में अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारण) (आईएमडीटी) अधिनियम के लागू होने से घुसपैठियों को कानूनी संरक्षण प्राप्त हुआ।
बाद में उच्चतम न्यायालय ने इस कानून को निरस्त कर दिया था।
गृहमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं बतद्रवा की पवित्र भूमि से असम की जनता को आश्वस्त करता हूं कि भाजपा सरकार सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजेगी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि घुसपैठियों के प्रभाव में राज्य के लोगों की सांस्कृतिक पहचान धीरे-धीरे कमजोर हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल असमिया लोगों की सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया है।’’
शाह ने कहा, “कांग्रेस सरकार इतने लंबे समय तक सत्ता में रही, लेकिन उसने घुसपैठ के खिलाफ असम आंदोलन के शहीदों की याद में कुछ नहीं किया। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों के प्रयासों के कारण ही इस महीने राष्ट्र को इतना भव्य स्मारक समर्पित किया गया है।”
गृह मंत्री ने गुवाहाटी के ‘शहीद स्मारक क्षेत्र’ में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के पिछले दस वर्षों के शासन को‘स्वर्ण युग’ माना जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में 80 बार और असम में 36 बार आ चुके हैं।’’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस असम की जनता के कल्याण की बात करती है, जिसने उन्हें 12 साल के लिए राज्यसभा भेजा था, लेकिन वह राज्य में केवल सात बार आए, जिनमें से दो बार वह नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए आए थे।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनके (मनमोहन सिंह) लिए असम का विकास, संस्कृति और शांति महज कहने की बात थी, क्योंकि राज्य वर्षों तक विभिन्न आंदोलनों और हिंसा से पीड़ित रहा है।’’
शाह ने दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के शासनकाल में असम को 10 वर्षों में केवल 1,28,000 करोड़ रुपये मिले, लेकिन मोदी ने 2014 से असम के विकास के लिए 15 लाख करोड़ रुपये दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और भाजपा के बीच यह अंतर है। वे (कांग्रेस नेता) भाषण देते हैं, लेकिन भाजपा काम करती है।’’
गृह मंत्री ने नगांव जिले में 227 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित किये गये वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान, बतद्रवा थान का उद्घाटन किया।
शाह ने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव की जन्मभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना एक ऐतिहासिक अवसर है।
उन्होंने कहा, ‘‘शंकरदेव का जन्मस्थान घुसपैठियों के कब्जे में था, लेकिन आज यह अतिक्रमणकारियों से मुक्त हो चुका है और यह स्थान विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल में परिवर्तित हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों से एक लाख बीघा से अधिक भूमि मुक्त कराई है।’’
उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन भूमि पर भी अतिक्रमण कर लिया था, लेकिन राज्य सरकार ने घुसपैठियों के चंगुल से इन भूखंडों को वापस ले लिया।
उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘भाजपा को असम को घुसपैठियों से मुक्त करने के लिए पांच साल का और समय दीजिए। हम न केवल असम, बल्कि पूरे भारत में सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करेंगे।’’
शाह ने कहा कि वैष्णव संत शंकरदेव ने उन लोगों के विरूद्ध ‘एक भारत’ का आह्वान किया था जो देश को विभाजित करना चाहते थे।
उन्होंने कहा,‘‘प्रधानमंत्री अब इस आह्वान का अनुसरण कर रहे हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं उस स्थान के पुनर्विकास की परियोजना का उद्घाटन कर रहा हैं जहां पूज्य संत का जन्म हुआ।’’
उन्होंने असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदोलोई के उस योगदान को याद किया, जिसके चलते राज्य भारत का हिस्सा बन पाया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बारदोलोई ही थे जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू को असम को देश का हिस्सा बनाने के लिए विवश किया, और मैं उनके (बारदोलोई) प्रति नतमस्तक होता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने असम में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं, जो न केवल कागजों पर बल्कि वास्तविकता में भी साकार हो रहे हैं।’’
शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 11 सालों में राज्य में कई उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते किये हैं तथा इन समझौतों के 92 प्रतिशत उपबंधों/शर्तों को पूरा किया गया है।
भाषा राजकुमार नरेश
नरेश

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