कांग्रेस, वामपंथी दलों को पश्चिम बंगाल में टीएमसी के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए : पार्थ

कांग्रेस, वामपंथी दलों को पश्चिम बंगाल में टीएमसी के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए : पार्थ

कांग्रेस, वामपंथी दलों को पश्चिम बंगाल में टीएमसी के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए : पार्थ
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: July 20, 2021 12:21 pm IST

(प्रदीप्त तापदार )

कोलकाता, 20 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विरोध करने वाली कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के व्यापक गठबंधन का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी आम चुनावों में प्रमुख भाजपा विरोधी ताकत होंगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ममता बनर्जी नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में प्रभावशाली मंत्री चटर्जी ने कहा कि टीएमसी एक पीढ़ीगत बदलाव के दौर से गुजर रही है, इसलिए इसमें वरिष्ठों और युवाओं का सही संतुलन हो सकता है।

 ⁠

विधानसभा चुनावों में भाजपा पर जीत के बाद टीएमसी में वापसी करने के इच्छुक नेताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले दर मामले फैसले किए जाएंगे, लेकिन कहा कि अगर टीएमसी को जीत नहीं मिलती तो क्या वे लौटना चाहते।

उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी देश में सबसे भरोसेमंद, भाजपा विरोधी चेहरा हैं। मेरी यह अपील है कि सभी भाजपा विरोधी ताकतों को एक साथ आना चाहिए। वाम और कांग्रेस जैसी कुछ पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विरोध कर रही हैं लेकिन बंगाल में हमारे खिलाफ काम कर रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।’’

चटर्जी ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ममता बनर्जी और टीएमसी 2024 में भाजपा विरोधी प्रमुख ताकत होंगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।’’

हाल में लोकसभा सदस्य और बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी जैसे युवा नेताओं को आगे बढ़ाए जाने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी पीढ़ीगत बदलाव के दौर से गुजर रही है। मई में विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के तुरंत बाद अभिषेक को टीएमसी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी यात्रा 1998 में शुरू की थी। अब हम पीढ़ीगत बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। यह भविष्य को ध्यान में रखते हुए …अगली पीढ़ी को तैयार करने के लिए किया जा रहा है जो आने वाले समय में कमान संभाल सके।’’ चटर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी खुद पार्टी को भविष्य की लड़ाई के लिए तैयार करने के लिए इस पीढ़ीगत बदलाव की देखरेख कर रही हैं।

भाषा आशीष नरेश

नरेश


लेखक के बारे में