कांग्रेस का राजस्थान में एकजुटता का संकल्प, सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव में उतरने का संकेत
कांग्रेस का राजस्थान में एकजुटता का संकल्प, सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव में उतरने का संकेत
नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को कहा कि सभी मुद्दों का समाधान कर लिया गया है और आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य के सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और जीत सुनिश्चित करेंगे।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस से जुड़े 25 से अधिक नेताओं की करीब चार घंटे की मैराथन बैठक के बाद पार्टी ने यह संकेत दिया है कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का फैसला सितंबर के पहले सप्ताह तक हो जाएगा तथा टिकट जीत की संभावना के आधार पर दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सरकार में पार्टी कार्यकर्ताओं को उचित हिस्सेदारी मिले और अगले तीन-चार महीनों के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो।
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है।
मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही इस बैठक से कांग्रेस नेतृत्व ने यह कड़ा संदेश भी दिया कि पार्टी के मंच के अतिरिक्त बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी वाली इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पायलट, पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कई अन्य कांग्रेस नेता शामिल हुए। मुख्यमंत्री गहलोत ने पैर में चोट के कारण जयपुर से ही इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस से शिरकत की।
बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान में हमारे मंत्री, विधायक, नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाकर राजस्थान की जनता को सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में बताएंगे। पार्टी कल से पूरी तरह से सकारात्मक अभियान शुरू करेगी। कांग्रेस ने फैसला किया कि सभी समुदायों और सामाजिक समूहों के साथ संवाद किया जाएगा।’’
उनका कहना था कि राजस्थान में पार्टी और सरकार के बीच समन्वय को मजबूत किया जाएगा।
उन्होंने बताया, ‘‘सभी ने सर्वसम्मति से संकल्प किया कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में पूरी तरह एकजुटता होनी चाहिए। पहले मतभेद थे, लेकिन आज की बैठक की विशेषता यह है कि सभी नेताओं ने फैसला किया कि एकजुट होकर चुनाव लड़ना है।’’
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जीत की संभावना के आधार पर उम्मीदवारों का चयन होगा। हम सितंबर के पहले सप्ताह में उम्मीदवारों का फैसला कर लेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमारा इतिहास आपको मालूम है। हम कभी मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करते। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। यह काम परिणाम देगा।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव ने कहा, ‘‘सभी मुद्दों का समाधान हो गया है, हम चुनाव जीतने जा रहे हैं। ’’
पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने पेपर लीक और राजस्थान लोक सेवा आयोग से जुड़े दो फैसले किए हैं।
बैठक से एक दिन पहले, मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार को कहा था कि राजस्थान सरकार भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामलों में सजा को मौजूदा 10 साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास तक करने के लिए अगले विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाएगी।
पायलट ने अपनी ‘जन संघर्ष यात्रा’ के दौरान प्रदेश सरकार के समक्ष तीन मांगें रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्च-स्तरीय जांच शामिल थी।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने फैसला किया है कि हर किसी को अनुशासन का पालन करना होगा। अगर कोई मुद्दा है तो पार्टी के भीतर बोलना है। पार्टी के मंच से बाहर नहीं बोलना है। अगर कोई बोलता है तो कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’’
भाषा हक हक वैभव
वैभव

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