जाति आधारित गणना के सरकार के फैसले के मद्देनजर शुक्रवार को होगी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

जाति आधारित गणना के सरकार के फैसले के मद्देनजर शुक्रवार को होगी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

जाति आधारित गणना के सरकार के फैसले के मद्देनजर शुक्रवार को होगी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक
Modified Date: May 1, 2025 / 12:00 pm IST
Published Date: May 1, 2025 12:00 pm IST

नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के सरकार के फैसले पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की शुक्रवार को एक बैठक होगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

केंद्र ने बुधवार को घोषणा की कि जातिगत गणना अगली जनगणना का हिस्सा होगी, जिसमें आजादी के बाद पहली बार जातियों का विवरण शामिल किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि सरकार के फैसले और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को पार्टी के 24, अकबर रोड स्थित कार्यालय में शाम 4 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी।

 ⁠

पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पिछले सप्ताह 24 अप्रैल को भी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह सरकार द्वारा ‘‘11 साल तक विरोध’’ करने के बाद आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के ‘‘अचानक’’ लिए गए फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र को इसके कार्यान्वयन के लिए समयसीमा बतानी चाहिए।

जातिगत जनगणना पर सरकार की घोषणा के लिए कांग्रेस द्वारा चलाए गए निरंतर अभियान को श्रेय देते हुए राहुल ने कहा कि अभी तो उन्हें यह संदेह है कि कार्यान्वयन के मामले में यह फैसला महिला आरक्षण विधेयक की राह पर जा सकता है। उन्होंने इसके लिए सरकार से एक विशिष्ट तारीख बताने की मांग की।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जातिगत जनगणना के लिए कांग्रेस ने सरकार पर जो दबाव बनाया था, वह काम कर गया है।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल देश भर में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों ने इस संबंध में सर्वेक्षण किए हैं।

राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीपीए) द्वारा लिए गए फैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर ‘गैर-पारदर्शी’ तरीके से जातिगत गणना की है, जिससे समाज में भ्रम पैदा हुआ है।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा


लेखक के बारे में