लिव-इन रिलेशनशिप में सहमति से किया गया सेक्स बलात्कार नहीं, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला | Consent sex in live-in relationship is not rape, Supreme Court verdict

लिव-इन रिलेशनशिप में सहमति से किया गया सेक्स बलात्कार नहीं, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

लिव-इन रिलेशनशिप में सहमति से किया गया सेक्स बलात्कार नहीं, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : March 3, 2021/12:49 pm IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में सहमति से सेक्स करने को बलात्‍कार की श्रेणी में रखने से मना कर दिया है। अदालत ने कहा कि अगर लंबे वक्‍त तक चले रिश्‍ते में सहमति से सेक्‍स होता है और पुरुष महिला से शादी करने का अपना वादा नहीं निभा पाता तो इसे रेप नहीं कहा जा सकता।

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मामला कॉल सेंटर के दो कर्मचारियों से जुड़ा था जो पांच साल तक लिव-इन रिलेशनशिप में थे। लड़के ने बाद में किसी और महिला से शादी कर ली जिसके बाद लड़की ने उसपर शादी का झूठा वादा करके यौन संबध बनाने का आरोप लगाते हुए दुष्कर्म का केस कर दिया।

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मामले पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्‍यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एसबोपन्‍ना व जस्टिस वी रामसुब्रमण्‍यम की बेंच ने कहा कि शादी का झूठा वादा करना गलत है। यहां तक कि एक महिला को भी शादी का वादा नहीं करना चाहिए और फिर अलग हो जाना चाहिए। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लंबे वक्‍त तक चले लिव-इन रिलेशनशिप में बने यौन संबंधों को बलात्‍कार की श्रेणी में रखा जाए।

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पुरुष के पक्षकार सीनियर एडवोकेट विभा दत्‍ता मखीजिया ने कहा कि अगर ल‍िव-इन रिश्‍ते में सहमति से बने संबंधों को रेप कहा जाएगा जिससे पुरुष की गिरफ्तारी होती है तो इससे खतरनाक मिसाल पेश होगी। शिकायतकर्ता के वकील आदित्‍य वशिष्‍ठ का कहना था कि आरोपी पुरुष ने दुनियाभर को ये दिखाया कि वे पति-पत्‍नी की तरह रहते थे और दोनों ने एक मंदिर में शादी की थी। लेकिन बाद में महिला को चोट पहुंचाने और उससे पैसे ऐंठने के बाद उसने वादा तोड़ दिया।