भूमिहीनों के बहुसंख्यक हिंदू-असमिया मुसलमानों के क्षेत्रों में बसने के पीछे हो सकती है साजिश:हिमंत

भूमिहीनों के बहुसंख्यक हिंदू-असमिया मुसलमानों के क्षेत्रों में बसने के पीछे हो सकती है साजिश:हिमंत

भूमिहीनों के बहुसंख्यक हिंदू-असमिया मुसलमानों के क्षेत्रों में बसने के पीछे हो सकती है साजिश:हिमंत
Modified Date: July 13, 2025 / 12:39 am IST
Published Date: July 13, 2025 12:39 am IST

गुवाहाटी, 12 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को दावा किया कि भूमि कटाव से प्रभावित और भूमिहीन लोगों के अपने मूल स्थानों से 200-300 किलोमीटर दूर जाकर उन क्षेत्रों में बसने के पीछे एक ‘षड्यंत्र’ हो सकता है, जहां ‘हिंदू या असमिया मुस्लिम’ बहुसंख्यक हैं।

शर्मा ने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर उनकी सरकार ने अतिक्रमण की गयी भूमि को हटाने के लिए अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया था वहां लोगों के इस तरह के पलायन के कारण जनसांख्यिकीय संतुलन खतरे में पड़ गया है।

अतिक्रमण रोधी अभियान में हटाए गये लोगों में से अधिकांश बांग्ला भाषी मुसलमान हैं।

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शर्मा ने कहा, ‘हमारा मुद्दा यह है कि वे 200-300 किलोमीटर दूर उन जगहों पर क्यों जा रहे हैं जहां हिंदू या असमिया मुसलमान रहते हैं। नतीजतन हमारे लोग असुरक्षा से जूझ रहे हैं। इसलिए मुद्दा सिर्फ अतिक्रमण रोधी अभियान का नहीं है, बल्कि इसके साथ ही हमें अल्पसंख्यक बनाने की एक छिपी हुई साजिश का भी है।’

राज्य सरकार ने इस सप्ताह के दौरान धुबरी और गोलपारा जिलों में दो बड़े अतिक्रमण रोधी अभियान चलाकर आरक्षित वनों सहित 4,500 बीघा से अधिक अतिक्रमण वाली भूमि को खाली कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘चाहे यह साजिश हो या गरीबी या इसके पीछे राजनीतिक लोग हों, इसकी जांच होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि वनों सहित विभिन्न स्थानों पर लगभग 8 लाख बीघा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।

भाषा

शुभम वैभव

वैभव


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