सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जारी की नई गाइडलाइन, गांवों में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने की पहल..10 पॉइंट में पढ़िए

सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जारी की नई गाइडलाइन, गांवों में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने की पहल..10 पॉइंट में पढ़िए

सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जारी की नई गाइडलाइन, गांवों में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने की पहल..10 पॉइंट में पढ़िए
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: May 16, 2021 11:12 am IST

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर अब गांवों पर ज्यादा दिखने लगा है। इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस गाइडलाइन में ग्रामीण क्षेत्र के अलावा बाहरी शहरी इलाकों और जनजातीय क्षेत्रों के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इनके तहत अन्य उपायों के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर कोविड के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की निगरानी, कोरोना जांच पर के भी निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन में घर पर और कम्‍युनिटी बेस्‍ड आइसोलेशन की भी बात कही गई है। 

ये भी पढ़ें: राजधानी दिल्ली-हरियाणा समेत 4 राज्यों में बढ़ा लॉकडाउन, किस राज्य में ​कब तक …

1. स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हर गांव में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (VHSNC) की मदद से समय-समय पर इन्फ्लूएंजा जैसे – बुखार/वायरल इंफेक्‍शन/गंभीर श्वसन संक्रमण आदि के लिए निगरानी की जानी चाहिए। 

 ⁠

2. सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) से टेलीकंसल्टेशन के जरिए इन मामलों की तीव्रता जांचने के लिए कहा गया है। 

3. जिन लोगों में ऑक्‍सीजन लेवल कम पाया जाता है या जिन लोगों को अन्‍य बीमारियां हैं, उन्‍हें जिला अस्‍पतालों या अन्‍य बड़े अस्‍पतालों में भेजने के लिए कहा गया है। 

4. CHO को रैपिड एंटीजन टेस्‍ट (RAT) करने के लिए प्रशिक्षित करने को भी कहा गया है।  

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने सिक्किम दिवस की लोगों को बधाई दी

5. मरीजों की रिपोर्ट आने तक उन्‍हें आइसोलेट रहने के लिए कहा जाना चाहिए, वहीं ऐसे बिना लक्षण वाले लोग जो कोविड मरीज से 6 फीट की दूरी पर बिना मास्‍क के यदि 15 मिनट तक संपर्क में आए हैं, तो उन्‍हें क्‍वारंटीन में रहना चाहिए। आईसीएमआर प्रोटोकॉल के अनुसार उनके टेस्‍ट किए जाने चाहिए।

6. गाइडलाइन में कॉन्‍टेक्‍ट ट्रैसिंग पर भी बात की गई है, इसके लिए इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलेंस प्रोग्राम्‍स (IDSP) की गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा गया है।

7. कोरोना संक्रमित मरीज को यदि घर पर ही क्‍वारंटीन होने की अनुमति दी जाती है, तो इस सूरत में उन्‍हें मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।  

ये भी पढ़ें: सड़क पर खड़ी हिल रही थी ऐम्बुलेंस, शक होने पर पुलिस ने देखा तो फटी …

8. ऑक्सीजन लेवल की जांच करने पर भी खासा जोर दिया गया है, इसके लिए मंत्रालय ने वीएचएसएनसी को स्थानीय पीआरआई के जरिए ये उपकरण जुटाने का निर्देश दिया है।

9. ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को ऋण पर थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर दिए जा सकते हैं। 

10. मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे सभी मामलों में मरीजों को होम आइसोलेशन किट दी जाएंगी। इस किट में जरूरी दवाएं जैसे पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम, टैबलेट इवरमेक्टिन, कफ सिरप, मल्टीविटामिन दवाओं के अलावा सावधानियां बताने वाला पैम्फलेट दिया जाएगा। 

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Ministry of Health issues SOPs on COVID-19 containment &amp; management in peri-urban, rural &amp; tribal areas; lays focus on surveillance, screening, home and community based isolation and planning for health infrastructure for managing COVID at rural level among other measures <a href=”https://t.co/GJ8B7gVMWb”>pic.twitter.com/GJ8B7gVMWb</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1393815894355152900?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 16, 2021</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com