अदालत ने केंद्र से अधिवक्ताओं के क्लर्क के कल्याण के लिए कानून बनाने पर निर्णय करने के लिये कहा

अदालत ने केंद्र से अधिवक्ताओं के क्लर्क के कल्याण के लिए कानून बनाने पर निर्णय करने के लिये कहा

अदालत ने केंद्र से अधिवक्ताओं के क्लर्क के कल्याण के लिए कानून बनाने पर निर्णय करने के लिये कहा
Modified Date: July 16, 2023 / 07:25 pm IST
Published Date: July 16, 2023 7:25 pm IST

नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार से वकीलों के क्लर्क के कल्याण के लिए कानून बनाने पर छह सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने भविष्य निधि, पेंशन और समूह बीमा पॉलिसी सहित कई कल्याणकारी उपायों को लागू करने के अनुरोध वाली ‘दिल्ली हाईकोर्ट बार क्लर्क एसोसिएशन’ की याचिका पर सुनवाई की।

पीठ ने इस मुद्दे पर अन्य राज्य सरकारों द्वारा लागू कानूनों पर गौर किया और कहा कि ‘‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार को निश्चित रूप से मामले को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।’’

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पीठ ने पिछले सप्ताह निर्देश दिया, ‘‘केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर आज से छह सप्ताह के भीतर मामले में सकारात्मक निर्णय लिया जाए।’’

केंद्र के वकील ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि बार क्लर्क के लिए कुछ कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाएं। दिल्ली सरकार के वकील ने भी कहा कि मामले पर गौर किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने 2018 में उच्च न्यायालय का रुख कर दावा किया था कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों ने पहले ही क्लर्क के कल्याण के लिए एक कानून बनाया जिन्हें अधिवक्ताओं की कृपा और चंदे पर निर्भर रहना पड़ता है।

भाषा आशीष रंजन

रंजन


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