अदालत ने केजरीवाल की जमानत के खिलाफ याचिका पर ईडी को दिया ‘आखिरी मौका’
अदालत ने केजरीवाल की जमानत के खिलाफ याचिका पर ईडी को दिया ‘आखिरी मौका’
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 2021-22 के आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर बहस करने के लिए “अंतिम अवसर” दे रहा है।
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल के वकील ने बार-बार स्थगन पर आपत्ति जताई है।
अदालत ने केजरीवाल के वकील के कड़े विरोध को दर्ज करते हुए मामले की सुनवाई 10 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी। वकील ने कहा कि “एजेंसी द्वारा बिना किसी कारण के यह नौवां स्थगन है”।
न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने कहा, “न्याय के हित में और यह देखते हुए कि एएसजी एस वी राजू उपलब्ध नहीं हैं, याचिकाकर्ता विभाग (ईडी) को अंतिम अवसर दिया जाता है। 10 नवंबर को सुनवाई होगी।” उन्होंने ईडी के वकील से यह सुनिश्चित करने को कहा कि यह तारीख खाली न जाए और एजेंसी अपनी दलीलें आगे बढ़ाए।
शुरुआत में, ईडी के वकील ने अदालत से मामले को स्थगित करने का आग्रह किया क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एक मामले में उच्चतम न्यायालय में व्यस्त थे।
केजरीवाल के वकील ने हालांकि इस याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि एजेंसी बार-बार स्थगन ले रही है और बिना किसी कारण के कार्यवाही को लंबा खींच रही है।
केजरीवाल के वकील ने तर्क दिया, “यह विभाग द्वारा बिना किसी कारण के लिया गया नौवां स्थगन है।”
अदालत ने यह भी कहा कि आज की सुनवाई की तारीख भी दोनों पक्षों की सहमति से दी गई थी।
केजरीवाल उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश के अनुसार जमानत पर हैं।
न्यायालय ने 12 जुलाई, 2024 को धन शोधन मामले में आप प्रमुख को अंतरिम जमानत प्रदान की, जबकि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत “गिरफ्तारी की आवश्यकता और अनिवार्यता” के पहलू पर तीन प्रश्नों को एक बड़ी पीठ को भेज दिया।
केजरीवाल को 20 जून 2024 को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, जिस पर बाद में उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
केजरीवाल को ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने क्रमश: 21 मार्च और 26 जून 2024 को धन शोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया था।
भाषा प्रशांत नरेश
नरेश

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