अदालत ने पूर्व सरकारी अधिकारी विकास यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द किया

अदालत ने पूर्व सरकारी अधिकारी विकास यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द किया

अदालत ने पूर्व सरकारी अधिकारी विकास यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द किया
Modified Date: August 28, 2025 / 12:42 pm IST
Published Date: August 28, 2025 12:42 pm IST

नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यवसायी से जुड़े कथित अपहरण और वसूली के मामले में पूर्व सरकारी अधिकारी विकास यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया है। अदालत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वकीलों की हड़ताल के कारण वह पेश नहीं हो सके।

अमेरिका के अधिकारियों ने अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भूमिका को लेकर यादव पर भी आरोप लगाया है।

इससे पहले 25 अगस्त को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ प्रताप सिंह लालर ने यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी करते हुए कहा था कि वह बार-बार बुलाए जाने के बावजूद अनुपस्थित रहे।

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न्यायाधीश ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 491 (जमानत जब्त होने की प्रक्रिया) के तहत ‘‘उनके जमानतदार को नोटिस’’ भी जारी किया।

अदालत के सूत्रों ने बताया कि यादव के वकील ने एक अर्जी दायर करके कहा था कि हड़ताल के कारण वह सुनवाई में शामिल नहीं हो पाएंगे। इस पर न्यायाधीश लालर ने बुधवार को गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिए और उनकी जमानत के लिए दी गई जमानत राशि को भी बहाल कर दिया।

उन्होंने बताया कि मामले में यादव की पेशी 17 अक्टूबर को तय की गई है।

दिल्ली के एक व्यवसायी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दिसंबर 2023 में यादव को गिरफ्तार किया था। शिकायत में यादव पर वसूली और अपहरण का आरोप लगाया गया था। मार्च 2024 में आरोपपत्र दायर किया गया और यादव को अप्रैल 2024 में जमानत मिल गई।

यादव के वकील ने न्यायाधीश को बताया कि अभियुक्त के व्यक्तिगत विवरण सार्वजनिक कर दिए गए हैं, जिसके कारण वह निशाने पर आ गए हैं। इस पर अदालत ने 24 मार्च को यादव को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा


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