सीमांकन रिपोर्ट तैयार होने तक महरौली में कार्रवाई रोकने संबंधी याचिका स्वीकार करने से अदालत का इनकार

सीमांकन रिपोर्ट तैयार होने तक महरौली में कार्रवाई रोकने संबंधी याचिका स्वीकार करने से अदालत का इनकार

सीमांकन रिपोर्ट तैयार होने तक महरौली में कार्रवाई रोकने संबंधी याचिका स्वीकार करने से अदालत का इनकार
Modified Date: February 20, 2023 / 08:26 pm IST
Published Date: February 20, 2023 8:26 pm IST

नयी दिल्ली,20 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने महरौली पुरातत्व पार्क में मकानों,दुकानों और अन्य ढांचों को ध्वस्त करने पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका नयी सीमांकन रिपोर्ट तैयार किये जाने तक स्वीकार करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि वह विषय में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही, जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेना चाहा और अदालत ने इसकी अनुमति दे दी।

अदालत को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वकील ने बताया कि इलाके का सीमांकन 2021 में किया जा चुका है और उसके बाद ही यह कार्रवाई शुरू की गई थी।

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‘महरौली माइनॉरटीज रेजिडेंट एंड शॉप ऑनर्स वेलफेयर’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया, ‘‘आप कौन हैं? सीमांकन के बारे में पूछने के लिए आपका क्या अधिकार बनता है? हम हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं। यदि आप चाहें तो अपने दावे के समर्थन में दीवानी वाद दायर करें।’’

उल्लेखनीय है कि करीब 20 बहुमंजिला इमारतें, काफी संख्या में दुकानें और मकान तथा एक निजी स्कूल भवन उन ढांचों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले कुछ दशकों में महरौली पुरातत्व पार्क में कथित तौर पर अवैध रूप से निर्मित किया गया। अधिकारियों ने इन ढांचों की पहचान अतिक्रमण रोधी अभियान के लिए की है।

भाषा सुभाष माधव

माधव


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