अदालत ने अविवाहित गर्भवती युवती को गर्भपात कराने की अनुमति देने से किया इनकार

अदालत ने अविवाहित गर्भवती युवती को गर्भपात कराने की अनुमति देने से किया इनकार

अदालत ने अविवाहित गर्भवती युवती को गर्भपात कराने की अनुमति देने से किया इनकार
Modified Date: February 5, 2024 / 12:44 pm IST
Published Date: February 5, 2024 12:44 pm IST

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 सप्ताह की अविवाहित गर्भवती युवती (20) को गर्भपात की अनुमति देने से सोमवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, ”याचिका खारिज की जाती है।”

अदालत ने पिछले सप्ताह याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन उसने यह मौखिक टिप्पणी की थी कि वह महिला को ‘‘पूर्ण रूप से विकसित भ्रूण’’ को गिराने की इजाजत नहीं देंगे।

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न्यायाधीश ने कहा था, ”मैं 28 सप्ताह के पूर्ण रूप से विकसित भ्रूण को गिराने की इजाजत नहीं दूंगा। रिपोर्ट में मुझे भ्रूण में कोई असामान्यता नहीं दिखाई दी। गर्भपात की इजाजत नहीं दी जा सकती।”

अपनी याचिका में युवती ने दावा किया कि वह सहमति से बनाये गये संबंधों की वजह से गर्भवती हुई लेकिन उसे गर्भवती होने की जानकारी हाल ही में हुई।

जब चिकित्सकों ने गर्भधारण की अवधि 24 सप्ताह की कानूनी रूप से स्वीकार्य सीमा से अधिक होने के कारण गर्भपात करने से इनकार कर दिया तो महिला ने गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम के तहत गर्भपात कराने की अनुमति लेने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

महिला की ओर से पेश हुए वकील अमित मिश्रा ने कहा कि युवती को पहले गर्भावस्था के बारे में पता नहीं था और उसे 25 जनवरी को ही पता चला कि वह 27 सप्ताह की गर्भवती है।

वकील ने कहा कि युवती अविवाहित है और उसके परिवार में किसी को भी उसकी गर्भावस्था के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए उसकी स्थिति पर विचार किया जाए।

भाषा जितेंद्र सिम्मी

सिम्मी


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