न्यायालय का क्लैट 2020 परीक्षा रद्द करने या काउन्सलिग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार

न्यायालय का क्लैट 2020 परीक्षा रद्द करने या काउन्सलिग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार

न्यायालय का क्लैट 2020 परीक्षा रद्द करने या काउन्सलिग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: October 9, 2020 10:38 am IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को संपन्न हुयी क्लैट 2020 की परीक्षा कथित तकनीकी गड़बड़ियो की वजह से रद्द करने या काउन्सलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। हालांकि, न्यायालय ने ऐसे पांच अभ्यर्थियों से कहा कि वे दो दिन के भीतर अपनी शिकायतें समस्या समाधान समिति को दें।

‘क्लैट’ देश के 23 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयूज) में कानून की पढ़ाई के लिये केन्द्रीयकृत राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायूर्ति एम आर शाह की पीठ को एनएलयूज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हन ने सूचित किया कि परीक्षा से संबंधी शिकायतों के लिये सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में शिकायत समाधान समिति है जो याचिकाओं के मुद्दों पर विचार कर सकती है।

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पीठ ने अपने आदेश में कहा , ‘‘हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता आज से दो दिन के भीतर अपनी शिकायते पेश करेंगे और शिकायत समाधान समिति इन शिकायतों पर निर्णय लेगी।’’

पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा, ‘‘हम काउन्सलिंग नहीं रोक सकते।’’

शंकरनारायणन ने पीठ से कहा कि ऑन लाइन परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी थी और कुछ प्रश्नों के जवाब सही नहीं थे।

उन्होंने दावा किया कि साफ्टवेयर ने कुछ जवाबों को सही तरीके से दर्ज नहीं किया और क्लैट के विभिन्न पहलुओं को लेकर करीब 40,000 आपत्तियां मिली हैं। लेकिन करीब 19,000 आपत्तियों के बारे में एनएलयूज के कंसोर्टियम की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।

शंकरनारायणन ने कहा कि साफ्टवेयर की गड़बड़ी की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुयी जैसी पहले कभी नहीं हुयी थी।

उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्रों और जवाब तालिका में अनेक गलतियां हैं । पहली बार कुल 150 अंकों में से 50 प्रतिशत अंक सिर्फ तीन प्रतिशत छात्र ही हासिल कर सके हैं।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘यह परेशानी का समय है।’’

नरसिम्हा ने कहा कि महामारी के दौरान अंतहीन काउन्सलिंग नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश एस राजेन्द्र बाबू की अध्यक्षता में समिति है और वह गंभीर शिकायतों पर गौर करेंगे।

शीर्ष अदालत ने 21 सितंबर को एनएलएसआईयू, बेंगलुरू की 12 सितंबर को पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के लिये एनएलएटी प्रवेश परीक्षा की अधिसूचना निरस्त कर दी थी

न्यायालय ने एनएलयूज की कंसोर्टियम को क्लैट 2020 की परीक्षा 28 सितंबर को आयोजित करने का निर्देश दिया था।

भाषा अनूप

अनूप पवनेश

पवनेश


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