नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने तीन राज्यों में न्यायिक परीक्षा की तारीख में बदलाव करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इंकार कर दिया और कहा कि न्यायिक रिक्तियां भरना ज्यादा जरूरी है।
न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुन्दरेश की पीठ ने कहा कि अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के अपने अधिकार का उपयोग करना होगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह संभव नहीं है कि सभी उच्च न्यायालयों से उनकी परीक्षा का कैंलेंडर मांगा जाए ताकि, परीक्षाओं की तारीख एक होने से बचा जा सके।
याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘न्यायिक रिक्तियों को भरना सबसे जरूरी है। कुछ परीक्षाओं की तारीख एक ही हैं और पहले भी कुछ मोहलत दी गई है और वह भी महज कुछ ही छात्रों के अनुरोध पर।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम हर परिस्थिति पर विचार नहीं कर सकते हैं क्योंकि परीक्षाएं लगातार हो रही हैं और वे अलग-अलग परीक्षाएं हैं। ऐसे में याचिका दायर करने वालों को चुनाव करना होगा कि उन्हें किसमें (परीक्षा में) शामिल होना है, वरना इससे अन्य अभ्यर्थियों को और परीक्षा प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचेगा।’’
शीर्ष अदालत बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान की परीक्षाओं की तारीख में बदलाव करने का अनुरोध करने वाली अमित कुमार कोहली और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
भाषा अर्पणा नरेश
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