स्वेच्छा से जमीन सरकार को देने संबंधी एक याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

स्वेच्छा से जमीन सरकार को देने संबंधी एक याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

स्वेच्छा से जमीन सरकार को देने संबंधी एक याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: March 3, 2021 10:42 am IST

नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस अनूठे अनुरोध वाली याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा जिसमें याचिकाकर्ताओं ने अपनी जमीन पर विद्यालय के निर्माण के लिए उसका स्वामित्व सरकार को देने की इच्छा प्रकट की है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि चूंकि याचिककर्ता एक अनूठा अनुरोध लेकर आये हैं जहां वे निजी जमीन पर अपना स्वामित्व सरकार को देना चाहते हैं इसलिए प्रशासन को उस पर शीघ्रता से विचार करना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 30 अप्रैल तय की है ।

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मंसाराम नामक एक व्यक्ति के दो पुत्र एवं एक पुत्री ने अपनी याचिका में कहा है कि वे उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर में 5000 वर्ग यार्ड भूखंड का स्वामित्व विद्यालय के निर्माण के लिए दिल्ली सरकार को देना चाहते हैं।

याचिकाकर्ताओं के वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि उनके मुविक्कलों ने जमीन का स्वामित्व सरकार को देने के लिए जून, 2019 में ही सरकार के पास अनुरोध पत्र भेजा था लेकिन अधिकारियों ने उनके अनुरोध पत्र पर कोई निर्णय नहीं किया। मंसाराम की 2009 में मृत्यु हो गयी थी और उनकी ये तीनों संतान उनके कानूनी उत्तराधिकारी हैं।

याचिका में कहा गया है कि यह जमीन खाली पड़ी है और इलाके के असामाजिक तत्व उसका बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता बिना शर्त उस जमीन को सरकार को माध्यमिक विद्यालय के वास्ते वहां बहुमंजिली भवन के निर्माण के लिए देना चाहते हैं।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव


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