दिल्ली की नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली की नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली की नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत ने सरकार से मांगा जवाब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: July 28, 2021 6:04 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने वाली नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने नोटिस जारी करते हुए दिल्ली सरकार से याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि नई आबकारी नीति के उस प्रावधान को निरस्त किया जाए जिसके तहत कोई भी सरकारी शराब की दुकान नहीं होगी और केवल निजी दुकानें ही शराब बेच सकेंगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तारीख तय की है।

अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा नामक गैर सरकारी संगठन की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि बहुत से लोगों का मानना है कि शराब पीने की उम्र घटाने से छात्रों और समाज के युवाओं में शराब की लत बढ़ जाएगी जिससे अन्य समस्याएं पैदा हो जाएंगी।

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याचिका के अनुसार, सरकारी दुकानों को बंद करने का निर्णय जनहित में नहीं है। याचिका में कहा गया है कि नई नीति के अनुसार, “शराब बेचने और परोसने की उम्र पड़ोसी राज्यों के अनुरूप होनी चाहिए।”

गैर सरकारी संगठन की ओर से पेश हुए वकील विजय शर्मा ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में शराब पीने की उम्र 21 साल है इसलिए दिल्ली सरकार दिल्ली में शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करना चाहती है।

फिलहाल दिल्ली में शराब के सेवन की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है जबकि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह क्रमशः 25 और 21 वर्ष है।

भाषा यश पवनेश

पवनेश


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