अदालत ने केन्द्र, राशन डीलरों से आदेश वापस लेने संबंधी दिल्ली सरकार की अर्जी पर जवाब मांगा |

अदालत ने केन्द्र, राशन डीलरों से आदेश वापस लेने संबंधी दिल्ली सरकार की अर्जी पर जवाब मांगा

अदालत ने केन्द्र, राशन डीलरों से आदेश वापस लेने संबंधी दिल्ली सरकार की अर्जी पर जवाब मांगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : October 27, 2021/9:05 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) राशन कार्ड धारकों की जानकारी लाइसेंसी राशन दुकानों को मुहैया कराने का राज्य को निर्देश देने वाला आदेश वापस लेने के अनुरोध वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र और दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने राज्य सरकार के आवेदन पर नोटिस जारी किया और केन्द्र तथा दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ से जवाब देने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होनी है।

केन्द्र सरकार की स्थाई अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 27 सितंबर के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 27 सितंबर के आदेश में राशन दुकानदारों को अनाज और आटे की आपूर्ति कम या बंद नहीं करने का आप सरकार को निर्देश देने वाले अपने 22 मार्च के आदेश में बदलाव किया था।

अधिवक्ता ने कहा कि ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून’ के तहत केन्द्र राज्यों को खाद्यान्न देता है। राज्यों की यह जिम्मेदारी है कि वह खाद्यान्न भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से लें और राशन दुकानदारों तक पहुंचाएं ताकि वह लाभार्थियों को मिल सके।

अरोड़ा ने कहा कि घर-घर राशन पहुंचाने की दिल्ली सरकार की योजना एनएफएस कानून के विपरीत है और पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों से दिल्ली सरकार की योजना अलग है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया कि उच्च न्यायालय के 27 सितंबर के आदेश के खिलाफ केन्द्र ने एसएलपी को चुना और आज यह मामला उच्चतम न्यायालय में था जिसने अगली सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तारीख तय की है। सुनवाई की स्थिति भी रिपोर्ट में दी जाएगी। इसे 22 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करें।’’

भाषा अर्पणा पवनेश

पवनेश

 

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