नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपये के बैंक कर्ज घोटाला मामले के संबंध में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रोमोटर्स कपिल वधावन और उनके भाई धीरज को दी गई वैधानिक जमानत मंगलवार को बरकरार रखी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि उन्हें जमानत दिए जाने का आदेश ‘‘अच्छे तर्क पर आधारित’’ है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने पिछले साल तीन दिसंबर को दिए निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका खारिज कर दी।
उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र अधूरा है और आरोपियों को वैधानिक जमानत न दिए जाने के लिए जांच पर इसे ‘‘अंतिम रिपोर्ट’’ बताना कानून और संविधान के खिलाफ होगा।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत अगर जांच निर्धारित अवधि में पूरी नहीं होती है तो आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
वधावन बंधुओं को इस मामले में पिछले साल 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
भाषा गोला संतोष
संतोष
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