मादक पदार्थों के मामले में पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड संबंधी आदेश अदालत ने बरकरार रखा

मादक पदार्थों के मामले में पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड संबंधी आदेश अदालत ने बरकरार रखा

मादक पदार्थों के मामले में पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड संबंधी आदेश अदालत ने बरकरार रखा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: February 2, 2021 1:19 pm IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में छापामार कार्रवाई के दौरान जांच अधिकारी सहित पूरी टीम का उस समय का फोन कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन सौंपने के पुलिस कर्मियों को दिए गए आदेश को बरकरार रखा है।

उच्च न्यायालय ने हालांकि, निचली अदालत के फैसले में कुछ बदलाव किया है। निचली अदालत ने मोबाइल टावरों की मदद से मुखबिर के फोन कॉल डिटेल और लोकेशन साझा करने को भी कहा था।

न्यायमूर्ति सुग्रमणियम प्रसाद ने कहा, ‘‘मुखबिर के कॉल रिकॉर्ड की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है क्योंकि ऐसा करने से मुखबिर की जान को खतरा पैदा हो सकता है। मुखबिर के कॉल डिटेल साझा करने संबंधी आदेश वैध नहीं हो सकता है।’’

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उच्च न्यायालय दिसंबर, 2017 के निचली अदालत के आदेश को राज्य (दिल्ली पुलिस) द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रहा था। निचली अदालत ने अपने आदेश में आपराधिक मामलों के जांच अधिकारी, छापामार कार्रवाई में शामिल पूरी टीम और मुखबिर के कॉल डिटेल और मोबाइल फोन के लोकेशन मोबाइल टावरों के माध्यम से साझा करने को कहा था।

जांच अधिकारी को निर्देश दिया गया था कि वह आरोपी का मोबाइल फोन भी मालखाने से लाकर उसके समक्ष पेश करे।

इस आपराधिक मामले में आरोपी के पास से भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ था। आरोपी की ओर से मुकदमे की पैरवी वकील सुमेर सेठी कर रहे हैं।

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश


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