गलत अभियोजन के पीड़ितों को मुआवजे के लिए दिशानिर्देश को लेकर याचिकाओं पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

गलत अभियोजन के पीड़ितों को मुआवजे के लिए दिशानिर्देश को लेकर याचिकाओं पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

गलत अभियोजन के पीड़ितों को मुआवजे के लिए दिशानिर्देश को लेकर याचिकाओं पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: March 23, 2021 11:34 am IST

नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ‘गलत अभियोजन’ के पीड़ितों को मुआवजे के लिए दिशानिर्देश बनाने का सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली दो याचिकाओं पर मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगा। न्यायालय ने इसके साथ ही कहा कि इस तरह के झूठे आपराधिक मामलों में शिकायतर्का के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।

न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय और कपिल मिश्रा की याचिकाओं पर केंद्र , कानून एवं न्याय मंत्रालय , विधि आयोग और सभी राज्यों को नोटिस जारी किये।

अधिवक्ता उपाध्याय ने सरकारी मशीनरी के माध्यम से गलत अभियोजन के पीड़ितों को मुआवजे के लिए दिशानिर्देश बनाने और उसे लागू करने के लिए केंद्र, सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश देने का अनुरोध किया।

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मिश्रा ने अपनी याचिका के जरिए केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि आपराधिक मामलों में झूठी शिकायतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए और इस तरह के गलत अभियोजन के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए दिशानिर्देश बनाए जाएं।

पीठ ने उपाध्याय की याचिका में किये गये एक अनुरोध पर केंद्र को नोटिस जारी किया, लेकिन राज्यों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया।

न्यायालय अब 26 अप्रैल को इन विषयों की आगे की सुनवाई करेगा।

शीर्ष अदालत में ये याचिकाएं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मामले के मद्देनजर दायर की गई हैं।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में दोषी ठहराये गये और करीब 20 से जेल में कैद एक व्यक्ति को जनवरी में बेकसूर करार देते हुए कहा था कि प्राथमिकी दर्ज कराने के पीछे का मकसद भूमि विवाद था।

भाषा

सुभाष नरेश अनूप

अनूप


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