नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा टीके की पहली खुराक लेने के साथ ही देश में वरिष्ठ नागरिकों और विभिन्न रोगों से पीड़ित 45 से 59 साल के लोगों के लिए सोमवार को कोविड-19 टीकाकरण अभियान का विस्तार हो गया।
देश में स्वास्थ्यकर्मियों और सफाई कर्मियों के लिए 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। वहीं, टीकाकरण अभियान के विस्तार पर देश में सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लेने के लिए हजारों लोग कतार में लगे।
अभियान में तकनीकी अड़चनों की भी खबरें आयीं और कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें कोविन ऐप पर पंजीकरण कराने में दिक्कत हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्ले स्टोर पर उपलब्ध कोविन ऐप सिर्फ प्रशासकों के इस्तेमाल के लिए है और कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
मंत्रालय ने कहा कि दोपहर एक बजे तक कोविन पोर्टल पर दस लाख से अधिक नागरिकों ने पंजीकरण कराया।
पंजीकरण सुबह नौ बजे शुरू हुआ वहीं प्रधानमंत्री ने सबसे पहले टीके की खुराक ली। प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली और उन सभी लोगों से टीका लगवाने की अपील की, जो दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत इसकी पात्रता रखते हैं।
सुबह सात बजकर छह मिनट पर मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने एम्स में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली। कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने बहुत कम समय में असाधारण काम किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन सभी लोगों से कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अपील करता हूं, जो इसके पात्र हैं। हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएंगे।’’
मोदी को भारत बायोटेक के स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ टीके की पहली खुराक दी गई। वर्तमान में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके ‘कोविशील्ड’ की खुराक भी दी जा रही है।
एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू होने के पहले ही दिन प्रधानमंत्री द्वारा टीके की पहली खुराक लेने से लोगों के मन में टीके के प्रति किसी भी तरह की हिचक दूर हो जानी चाहिए।
गुलेरिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रधानमंत्री के टीका लगवाने के बारे में एम्स को रविवार देर रात सूचना दी गई और उनके लिये कोई विशेष प्रबंध नहीं किये गए।
गुलेरिया ने कहा, ‘‘क्योंकि सोमवार (कामकाजी) का दिन था इसलिये उन्होंने सुबह जल्दी टीका लगवाने का फैसला किया जिससे अस्पताल आने वाले अन्य मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो।’’
एम्स के निदेशक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को सुबह करीब साढ़े छह बजे टीका लगाया गया और उसके बाद तय प्रक्रिया के मुताबिक करीब आधे घंटे तक उन्हें निगरानी में रखा गया, जिसके बाद वह चले गए। गुलेरिया ने कहा, ‘‘टीका लगवाने के बाद वह ठीक हैं।’’
पुडुचेरी की रहने वाली नर्स पी निवेदा ने प्रधानमंत्री को टीके की पहली खुराक दी। निवेदा ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि टीका लगवाने के बाद प्रधानमंत्री ने उनसे कहा, ‘‘लगा भी दिया, पता भी नहीं चला।’’
केरल की रहने वाली और नर्स रोसम्मा अनिल ने कहा कि यह उनके लिए बहुत खुशी वाला दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कि प्रधानमंत्री मोदी जी टीका लगवाने के लिए एम्स आए।’’
दूसरे राज्यों से भी टीकाकरण अभियान की सूचनाएं मिली हैं। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी टीके की खुराक ली।
बिहार में विधानसभा चुनाव के समय भाजपा नीत राजग ने वादा किया था कि लोगों को निशुल्क टीके मुहैया कराए जाएंगे। कुमार ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को मुफ्त टीके दिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से भी टीका लगवाने के लिए आगे आने की अपील की।
पटनायक ने भी लोगों से इसी तरह की अपील की।
पटनायक ने ट्वीट किया, ‘‘आज कोविड-19 का टीका लगवाया। वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य कर्मियों का समय से मुकाबला करते हुए लोगों तक टीका पहुंचाने के लिए किए गए प्रयासों को लेकर आभारी हूं। वे सभी लोग भी टीका लगवाएं, जो दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत इसकी पात्रता रखते हैं।’’
दिल्ली में भी कई लोग टीका लगवाने आए। एक सरकारी बैंक में प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त होने वाले अरूण कुमार गुप्ता (66) ने टीके की पहली खुराक ली।
गुप्ता ने कहा, ‘‘एक पुलिसकर्मी हमारे पास आया और पंजीकरण नंबर ले गया। हम अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। मुझे पौने बारह बजे टीका लगा। मैं कोविड-19 से कभी संक्रमित नहीं हुआ था और टीके को लेकर भी कोई डर नहीं था।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि प्ले स्टोर पर उपलब्ध कोविन ऐप सिर्फ प्रशासकों के इस्तेमाल के लिए है और कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोविड-19 टीकाकरण के लिए केवल कोविन पोर्टल के माध्यम से ही पंजीकरण कराया जा सकता है। लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए कोई कोविन ऐप नहीं है। प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऐप केवल प्रशासकों के लिए है।’’
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए एक मार्च से टीकाकरण अभियान आरंभ किया जाएगा।
नागरिक किसी भी समय और कहीं भी टीकाकरण के लिए पंजीकरण और बुकिंग को-विन 2.0 पोर्टल का उपयोग करके या आरोग्य सेतु जैसे अन्य आईटी एप्लीकेशन के माध्यम से कर सकेंगे।
पात्र व्यक्ति चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर के जरिए कोविन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 15,510 नए मामले आए। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 8293, केरल में 3254 और पंजाब में 579 मामले आए।
गांधीनगर से मिली खबर के अनुसार, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के तहत राज्य सरकार द्वारा समय पर उठाए गए कदम के कारण कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है।
उन्होंने संक्रमण रोकने के लिए पिछले साल मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के समय ‘कोरोना योद्धाओं’ और गैर सरकारी संगठनों के कार्यों की सराहना की।
बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा में अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा, ‘‘दूसरे राज्यों की तुलना में गुजरात अच्छे तरीके से महामारी से निपटने में सफल रहा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन के तहत राज्य और केंद्र सरकार ने समय रहते कई कदम उठाए।’’
देवव्रत ने भरोसा जताया कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत होने से कोरोना वायरस 2021 में खत्म हो जाएगा।
भाषा आशीष नरेश
नरेश
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