भाकपा ने पेगासस मामले की जेपीसी जांच की मांग की

भाकपा ने पेगासस मामले की जेपीसी जांच की मांग की

भाकपा ने पेगासस मामले की जेपीसी जांच की मांग की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: July 20, 2021 12:40 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये ‘ विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों की जासूसी’ कराने के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग की है।

पार्टी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि देश की जनता को मामले की सच्चाई जानने का हक है।

बयान में कहा गया, ‘‘ भाकपा का राष्ट्रीय सचिवालय इजराइली सॉफ्टेवयर पेगासस की मदद से विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के फोन की जासूसी करने की खबर से स्तब्ध है। मोदी सरकार के इजराइली सरकार से अच्छे रिश्ते हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि कैसे ऐसी निगरानी भारत सरकार की जानकारी और सहमति के बिना की जा सकती है। इसलिए सच्चाई सामने आनी चाहिए।’’

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वहीं, सरकार का कहना है कि भारत में अनधिकृत व्यक्ति द्वारा ‘‘ किसी तरह की अवैध निगरानी’’ नहीं हो सकती है।

भाकपा ने कहा कि भारतीय संविधान ने सभी नागरिकों को निजता का अधिकार दिया है और उच्चतम न्यायालय ने भी इस अधिकार को बरकरार रखा है। पार्टी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से सैंवधानिक रूप से गांरटी प्राप्त राज्य और नागरिकों के अधिकारों पर लगातार हमले कर रही है ताकि वह अपनी जनविरोधी और संघवाद विरोधी नीतियों को आगे बढ़ा सके।’’

भाकपा ने बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रीय सचिवालय पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग करता है क्योंकि इस देश की जनता को सच्चाई जानने का हक है।’’

गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों।

भाषा धीरज नरेश

नरेश


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