भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से का फायदा उठाएं माकपा कार्यकर्ता : माणिक सरकार

भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से का फायदा उठाएं माकपा कार्यकर्ता : माणिक सरकार

भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से का फायदा उठाएं माकपा कार्यकर्ता : माणिक सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: May 28, 2022 5:13 pm IST

अगरतला, 28 मई (भाषा) त्रिपुरा की चार विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को ‘ड्रेस रिहर्सल’ बताते हुए विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने शनिवार को माकपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले ‘‘भाजपा नीत सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से’’ का फायदा उठाएं।

राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को बदलकर अपना अस्तित्व कायम नहीं रख सकती।

उन्होंने सीटू की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘चार निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव को ड्रेस रिहर्सल माना जाएगा। वर्तमान सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को संगठित करने और इसके गलत मंसूबों को उजागर करने के लिए आंदोलन तेज करने के प्रयास होने चाहिए।’

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माणिक सरकार ने कहा, ‘जिन लोगों को उन्होंने (भाजपा) पहले बेवकूफ बनाया था, वे सब कुछ देख रहे हैं। इस बार लड़ाई शांतिप्रिय लोगों और आरएसएस समर्थित भाजपा के बीच होगी। सीटू को 2023 के विधानसभा चुनाव की महत्वपूर्ण लड़ाई में लोगों का नेतृत्व करना चाहिए।’

विधानसभा की चार सीट पर 23 जून को उपचुनाव होगा।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता ने कहा, ‘क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री को विधानसभा चुनाव से महज 8-10 महीने पहले बदला जा सकता है? क्या वह गंभीर रूप से बीमार हैं या बिस्तर पर पड़े हैं? ऐसा यह महसूस करने के बाद किया गया है कि 52 महीने के कुशासन के कारण भाजपा ने लोगों का विश्वास खो दिया है।’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया।

माकपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘हाँ, आपने धांधली, वोट लूटने और विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमले तथा लोकतंत्र की हत्या की चाल का हिस्सा बनकर अच्छा किया है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य के लोग नौकरी, वित्तीय अनियमितताओं का अंत और लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली चाहते हैं।

माकपा नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर आरोप लगाया कि मनरेगा के कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘यह बताया गया है कि मनरेगा के कार्यान्वयन के लिए आवंटित 480 करोड़ रुपये गायब हो गए हैं! यदि ऐसा होता है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा।’

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप


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