दिव्यांग सीएपीएफ बलों के प्रशिक्षण के लिए सीआरपीएफ केंद्र का तेलंगाना में उद्घाटन

दिव्यांग सीएपीएफ बलों के प्रशिक्षण के लिए सीआरपीएफ केंद्र का तेलंगाना में उद्घाटन

दिव्यांग सीएपीएफ बलों के प्रशिक्षण के लिए सीआरपीएफ केंद्र का तेलंगाना में उद्घाटन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: December 10, 2020 11:46 am IST

हैदराबाद, 10 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने देश के लिए अपने कर्तव्य का निवर्हन करते हुए शारीरिक रूप से अक्षम हुए अर्द्धसैन्य बलों को कृत्रिम मेधा, साइबर युद्ध और पैरा खेलों में प्रशिक्षण देने के मकसद से स्थापित किए गए राष्ट्रीय ‘दिव्यांग’ सशक्तीकरण केंद्र (एनसीडीई) का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया।

देश के सबसे बड़े अर्द्धसैन्य बल सीआरपीएफ ने तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में इस केंद्र की स्थापना की है और इसमें अभियानों के दौरान दिव्यांग हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों के रहने और उनके प्रशिक्षण के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं।

पिछले 10 साल में ड्यूटी या अभियान के दौरान सीआरपीएफ के कम से कम 189 जवान शारीरिक रूप से अक्षम हुए हैं। सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों में करीब 500 बच्चे शारीरिक रूप से अक्षम हैं।

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने परिसर में विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन एवं समीक्षा करते हुए कहा, ‘‘यह केंद्र उन बहादुर जवानों के लिए समर्पित है, जो अपनी परवाह किए बिना देश की रक्षा करते हैं। मैं सीआरपीएफ और उसके जवानों को बधाई देता हूं, जो देश की रक्षा करने में हमेशा आगे रहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो कर्मी यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, उन्होंने दिखा दिया है कि चोट उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन उनके आत्मबल को नहीं।’’

सीआरपीएफ के महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने कहा कि इस ‘‘केंद्र में हमारे ‘दिव्यांग’ जवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें यह महसूस नहीं करना चाहिए कि कर्तव्य का निर्वहन करते समय चोटिल होने के बाद अब वे कोई काम नहीं कर सकते’’।

उन्होंने कहा कि केंद्र में पहले सीआरपीएफ जवानों को शामिल किया गया था, लेकिन अब सभी सीएपीएफ के जवानों को यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा।

माहेश्वरी ने कहा कि अब आंतरिक सुरक्षा को साइबर हमले जैसी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में कृत्रिम मेधा उपकरण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आंतरिक सुरक्षा योद्धाओं से स्वयं को साइबर योद्धा के रूप में बदलना होगा।’’

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश


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