हिरासत मौत मामला:न्यायलय ने गुजरात सरकार से संजीव भट्ट की याचिका पर मांगा जवाब

हिरासत मौत मामला:न्यायलय ने गुजरात सरकार से संजीव भट्ट की याचिका पर मांगा जवाब

हिरासत मौत मामला:न्यायलय ने गुजरात सरकार से संजीव भट्ट की याचिका पर मांगा जवाब
Modified Date: March 28, 2023 / 01:35 pm IST
Published Date: March 28, 2023 1:35 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार को बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की उस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने 1990 के हिरासत में मौत के मामले में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में अपनी अपील के समर्थन में अतिरिक्त साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

बर्खास्त आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी भट्ट ने प्रभुदास वैष्णनी की हिरासत में मौत के 1990 के एक मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। वैष्णनी को सांप्रदायिक दंगों के बाद जामनगर पुलिस ने पकड़ा था।

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न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति सी. टी.रविकुमार की पीठ ने कहा कि इस मामलें में कोई औपचारिक नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पहले की राज्य की ओर से पेश हो गए हैं।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को 11 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 18 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया।

भट्ट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि गुजरात सरकार ने कई बार मामले पर स्थगन मांगने के बावजूद जवाब दाखिल नहीं किया है।

भट्ट ने हिरासत में मौत के 30 साल पुराने मामले में उम्रकैद की सजा को निलंबित करने की अपनी याचिका अगस्त 2022 में सर्वोच्च अदालत से वापस ले ली थी।

उच्च न्यायालय ने पहले भट्ट की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उनके मन में अदालतों के प्रति बहुत सम्मान नहीं है और उन्होंने जानबूझकर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश की। उन्हें मामले में जून 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश


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