बेंगलुरु में महिला से साइबर ठगों ने दो करोड़ रुपये से अधिक रकम ठग ली

बेंगलुरु में महिला से साइबर ठगों ने दो करोड़ रुपये से अधिक रकम ठग ली

बेंगलुरु में महिला से साइबर ठगों ने दो करोड़ रुपये से अधिक रकम ठग ली
Modified Date: December 16, 2025 / 11:04 pm IST
Published Date: December 16, 2025 11:04 pm IST

बेंगलुरु, 16 दिसंबर (भाषा) बेंगलुरु में अपने को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताते हुए साइबर अपराधियों ने 57 वर्षीय एक महिला को कथित रुप से ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उससे 2.05 करोड़ रुपये से अधिक की रकम ठग ली। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर धोखाधड़ी का एक रूप है जिसमें धोखेबाज कानून प्रवर्तन अधिकारियों के रूप में पेश आते हैं और ऑडियो या वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को धमकाते हैं एवं उन्हें ऑनलाइन पैसे भेजने के लिए मजबूर करते हैं।

पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने अपनी मांगें मंगवाने के लिए महिला को कई संपत्तियां बेचने और बैंक से ऋण लेने के लिए भी मजबूर किया।

 ⁠

पुलिस के अनुसार, यह अपराध 19 जून से 27 नवंबर के बीच हुआ था।

शिकायत के अनुसार, 19 जून, 2025 को महिला को एक अज्ञात नंबर से कॉल आयी। फोन करने वाले व्यक्ति ने महिला से कहा कि वह ‘ब्लू डार्ट’ कूरियर कंपनी से है और उसके आधार कार्ड से जुड़े एक सामान में मादक पदार्थ मिला है और मुंबई पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी।

इसके बाद फोन करने वाले ने महिला को एक ऐप इंस्टॉल करने का निर्देश दिया और नियमित रूप से वीडियो कॉल करने लगा।

प्राथमिकी में कहा गया है कि पहले सप्ताह में उन्होंने वीडियो और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से लगातार उसकी निगरानी की। आरोपी वीडियो कॉल में पुलिस वर्दी में नजर आता था और वह निरीक्षक और पुलिस उपायुक्त होने का दावा करता था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से शिकायतकर्ता से संपर्क करने लगा और धमकी दी कि भुगतान न करने पर उसके बेटे की जान को खतरा होगा।

प्राथमिकी के अनुसार गिरफ्तारी और परिवार को नुकसान पहुंचने के डर से शिकायतकर्ता ने पैसे जुटाने के लिए मालूर में दो भूखंड कम कीमत पर बेच दिए, विग्नान नगर में एक अपार्टमेंट बेच दिया और एक निजी बैंक से कर्ज भी लिया। इस पूरी रकम को महिला ने आरोपी को भेज दिया।

प्राथमिकी के अनुसार, 20 जून से महिला ने 2,05,16,652 रुपये आरोपी को भेजे।

पुलिस का कहना है कि महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।

भाषा

राजकुमार देवेंद्र

देवेंद्र


लेखक के बारे में