चक्रवात ’दित्वा’ के रविवार देर रात तक कमजोर होकर गहरे अवदाब में तब्दील होने की संभावना: मौसम विभाग

चक्रवात ’दित्वा’ के रविवार देर रात तक कमजोर होकर गहरे अवदाब में तब्दील होने की संभावना: मौसम विभाग

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 10:06 PM IST,
    Updated On - November 30, 2025 / 10:06 PM IST

चेन्नई, 30 नवंबर (भाषा) चक्रवात ‘दित्वा’ के कमजोर होकर गहरे अवदाब (डिप्रेशन) में तब्दील होने की आशंका है और यह रविवार मध्य रात्रि तक उत्तरी तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के तटों से कम से कम 30 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित हो जाएगा। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने यह जानकारी दी।

चक्रवात ‘दित्वा’ के बारे में ताजा जानकारी देते हुए मौसम विभाग ने कहा कि यह कुड्डालोर से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व, कराईकल से 120 किमी उत्तर-पूर्व, पुडुचेरी से 90 किमी दक्षिण-पूर्व, वेदारण्यम से 170 किमी उत्तर-पूर्व और चेन्नई से 150 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित है।

रविवार शाम मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया, ‘‘उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों से चक्रवात के केंद्र की न्यूनतम दूरी लगभग 80 किमी है। अगले तीन घंटों के दौरान इसके उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों के समानांतर उत्तर की ओर बढ़ने और एक गहरे अवदाब के क्षेत्र में कमजोर पड़ने की बहुत संभावना है।’’

चक्रवात पांच किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और रविवार की मध्यरात्रि तक इसके उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तट से कम से कम 30 किमी की दूरी पर रहने की उम्मीद है।

निजी मौसम ब्लॉगरों ने बताया कि चक्रवात के देर रात चेन्नई के करीब पहुंचने पर कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, चेन्नई, चेंगलपट्टू और रानीपेट जिलों में तेज बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘रात से कल सुबह तक बादल छाये रहने की उम्मीद है। चक्रवात के खुले समुद्र में थमने से पहले कुछ और बारिश हो सकती है।’’

इससे पहले, राज्य सरकार ने कहा कि चक्रवात के कारण तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश जारी रही और वर्षा से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई।

राज्य के कावेरी डेल्टा जिलों में भारी बारिश के कारण रामनाथपुरम और नागपट्टिनम जिलों में सबसे अधिक बारिश हुई।

तटीय शहरों- रामेश्वरम और नागपट्टिनम में जनजीवन प्रभावित रहा, क्योंकि भारी बारिश के कारण कई निचले इलाके जलमग्न हो गए।

बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात के प्रभाव के कारण, अगले 24 घंटों में कुड्डालोर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, पुदुक्कोट्टई, तंजावुर, तिरुवरूर, अरियालुर, पेरम्बलुर, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और रानीपेट जिलों तथा पुडुचेरी और कराईकल में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है, जो बढ़कर 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।

बुलेटिन में कहा गया है कि समुद्री मौसम खराब रहने की आशंका है और एक दिसंबर की सुबह तक इसमें धीरे-धीरे सुधार होने की उम्मीद है।

मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

बुलेटिन में कहा गया है कि समुद्र में उतरे मछुआरों को एक दिसंबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र और तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए।

राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के. के. एस. एस. आर. रामचंद्रन ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहित 38 आपदा प्रतिक्रिया टीम को मुस्तैद रखा है। अन्य राज्यों की 10 और टीम शनिवार शाम राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुट गईं।

उन्होंने बताया कि चक्रवात ‘दित्वा’ के कारण हुई बारिश से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है।

मंत्री ने बताया कि डेल्टा जिलों में 149 मवेशियों की जान चली गई और 57,000 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है।

उन्होंने रविवार को राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘कल शाम से बारिश से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की जान जा चुकी है। तूतीकोरिन और तंजावुर में दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि मयिलादुथुराई में करंट लगने से 20-वर्षीय एक युवक की मौत हो गई।’’

इस बीच, दक्षिण रेलवे ने कहा कि उसने चक्रवात दित्वा के प्रभावों को कम करने के लिए रणनीतिक योजना और व्यापक तैयारी तेज कर दी है।

दक्षिण रेलवे ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने मौसम विभाग द्वारा जारी चक्रवात संबंधी अलर्ट और तमिलनाडु तथा पुडुचेरी क्षेत्रों में भारी वर्षा और तेज़ हवाओं की संभावना के मद्देनजर यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों और महत्वपूर्ण रेलवे बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसने कमर कस ली है।

दक्षिण रेलवे ने कहा कि उसने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को मजबूत किया है और चेन्नई, मदुरै और तिरुचिरापल्ली डिवीजनों में चौबीसों घंटे सतर्कता बरती जा रही है, जो सीधे तमिलनाडु के उच्च प्रभाव वाले क्षेत्र में आते हैं।

इस चक्रवात का यमन द्वारा सुझाया गया नाम ‘दित्वा’ एक लैगून को संदर्भित करता है और संभवतः यह सोकोत्रा ​​के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित खारे पानी के एक बड़े लैगून, ‘दित्वा’ से आया है।

भाषा सुभाष सुरेश

सुरेश