पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा तूफान तितली,जानिए ऐसा नाम क्यों रखा गया तूफान का,ऐसे होता है नामकरण | Cyclone Titli :

पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा तूफान तितली,जानिए ऐसा नाम क्यों रखा गया तूफान का,ऐसे होता है नामकरण

पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा तूफान तितली,जानिए ऐसा नाम क्यों रखा गया तूफान का,ऐसे होता है नामकरण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : October 11, 2018/7:52 am IST

नई दिल्ली। समुद्री तूफान तितली ओडिशा में प्रचंड रुप धारण करने के बाद अब धीरे-धीरे पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ रहा है। इस तूफान के सुबह 5:25 बजे ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगपटनम में स्थल भाग से टकराने के बाद से ही वहां भारी बारिश के साथ ही, 102 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है।

अक्सर आपने तूफानों के रोचक नाम सुने होंगे। जैसे- हुदहुद, लैला, निलोफर, वरदा आदि। तूफानों के नाम रखने की मुख्य वजह है कि इन्हें लेकर आम लोग और वैज्ञानिक स्पष्ट रह सकें। आइए आपको बताते हैं कि इन तूफानों का नामकरण कैसे होता है। 1953 में हुई एक संधि के बाद से अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों के नामकरण की शुरुआत हालांकि, हिंद महासागर क्षेत्र के 8 देशों ने इन तूफानों के नामकरण की व्यवस्था 2004 में शुरू की। इसकी पहल भारत ने ही की थी। इन 8 देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं।

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हिंद महासागर क्षेत्र में अब तक कुल 32 तूफानों का नामकरण हो चुका है, जिसमें से भारत ने 4 नाम लहर, मेघ, सागर और वायु दिए हैं। वहीं चर्चित तूफान हेलेन का नाम बांग्लादेश ने, नानुक का म्यांमार ने, हुदहुद का ओमान ने, निलोफर और वरदा का पाकिस्तान ने, मेकुनु का मालदीव ने दिया है। अभी बंगाल की खाड़ी से चलकर ओडिशा और आंध्रप्रदेश पहुंचे तूफान तितलीका नामकरण पाकिस्तान ने किया है।  

विश्व मौसम विभाग का तूफानों के नामकरण का तरीका भी विवादों में घिरा रहा है। 1960 में दुनिया के तमाम मौसम विभागों ने ऐसे चक्रवातीय तूफानों के नाम के तौर पर केवल महिलाओं के नामों का चयन किया था इसके बाद नेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर विमेन सहित कई सारे महिला संगठनों ने इसका काफी विरोध किया था। तब जाकर एक दशक बाद इस तरह से नाम रखे जाने में काफी बदलाव आया

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एनसाइक्लोपीडिया ऑफ हरीकेन, टायफून एंड साइक्लोनमें लिखा गया है कि ‘तूफानों के अप्रत्याशित व्यवहार और चरित्र के कारण उनका नामकरण महिलाओं के नाम पर किया जाता रहा है’। नारीवादियों का तर्क है कि जो पैनल ऐसे नाम रखते हैं, उनमें मर्दों का वर्चस्व है यही नहीं, हाल ही में इलिनॉय यूनिवर्सिटी के एक शोध में कहा गया कि महिला तूफान पुरुष तूफानों से तीन गुना खतरनाक होते हैं

आगामी तूफानों में गाजा, फेथाई, फानी, वायु, हिक्का, क्यार, माहा, बुलबुल, पवन और अम्फान हैं। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये सभी तूफान उत्तरी हिंद महासागर से संबंधित हैं।

वेब डेस्क, IBC24

 
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