एक साल में 5 लाख मौतें…जन्म संख्या भी 6 लाख घटी, नीति आयोग ने कहा सिर्फ कोरोना से नहीं हुईं इतनी मौतें

सीआरएस अध्ययन के निष्कर्ष इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत ने हाल ही में देश में कोविड से हुई मृत्यु का अनुमान लगाने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था।

एक साल में 5 लाख मौतें…जन्म संख्या भी 6 लाख घटी, नीति आयोग ने कहा सिर्फ कोरोना से नहीं हुईं इतनी मौतें
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: May 4, 2022 2:11 am IST

Death Rate in India : नयी दिल्ली, 3 मई । नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने मंगलवार को कहा कि 2019 की तुलना में 2020 में मृत्यु पंजीकरण में वृद्धि केवल कोविड के कारण हुई मौत से नहीं हुई है और कुछ एजेंसियों द्वारा भारत के संबंध में कोविड से हुई मौतों की ‘अत्यधिक’ संख्या प्रकाशित किए जाने को रोका जाना चाहिए। कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख पॉल ने उदाहरण स्वरूप लान्सेट के एक हालिया प्रकाशन का उल्लेख किया, जिसमें दावा किया गया था कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 के बीच भारत में कोविड से हुई अनुमानित मृत्यु दर्ज रिपोर्ट की तुलना में आठ गुना अधिक थी।

कोविड के कारण दर्ज मौतें लगभग 4,89,000

उस अवधि में भारत में कोविड के कारण दर्ज मौतें लगभग 4,89,000 थीं। लान्सेट ने अपने अखबार में ”कोविड-19 महामारी के कारण अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान: कोविड-19 संबंधित मृत्यु दर का एक व्यवस्थित विश्लेषण, 2020-21” शीर्षक वाले अपने लेख में दावा किया था कि इस अवधि में भारत में कोविड से हुई मौतें दुनिया में सबसे ज्यादा 40.7 लाख थीं। सरकार ने मंगलवार को जन्म और मृत्यु रिपोर्ट के आधार पर नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) रिपोर्ट 2020 प्रकाशित की।

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आरजीआई की रिपोर्ट ‘नागरिक पंजीकरण प्रणाली पर आधारित भारत की महत्वपूर्ण सांख्यिकी 2020’ के अनुसार, पंजीकृत मौतों की संख्या 2019 में 76.4 लाख थी जो 6.2 प्रतिशत बढ़कर 2020 में 81.2 लाख हो गई। पॉल ने ”पीटीआई-भाषा” को बताया, ”अब जबकि सभी कारणों से अधिक मौतों की वास्तविक संख्या उपलब्ध है, शुद्ध अनुमानों और मॉडलों पर आधारित अनुमान लगाने का कोई औचित्य नहीं है।” उन्होंने बताया कि 2018 की तुलना में 2019 में 6.9 लाख अधिक लोगों की मृत्यु हुई।

सीआरएस अध्ययन के निष्कर्ष इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत ने हाल ही में देश में कोविड से हुई मृत्यु का अनुमान लगाने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था। भारत ने कहा था कि इस तरह के गणितीय मॉडलिंग का उपयोग भौगोलिक आकार और जनसंख्या के दृष्टिकोण से इतने विशाल राष्ट्र के लिए मृत्यु के आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है।

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2020 में कोविड के कारण होने वाली मृत्यु 1.49 लाख

उन्होंने कहा कि कोविड के लिए स्थापित एक मजबूत निगरानी प्रणाली के आधार पर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2020 में कोविड के कारण होने वाली मृत्यु 1.49 लाख थी। पॉल ने कहा, ”राज्यों द्वारा मौत की संख्या को भी ठीक से गिना जा रहा है। यह एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली है।” उनके अनुसार, अधिक मृत्यु पंजीकरण इसलिए भी हो रहा है क्योंकि लोग जागरूक हैं, लोगों को संपत्तियों और अन्य उद्देश्यों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता है।

पॉल ने कहा, ”आमतौर पर संचालन में आसानी और डिजिटलीकरण के कारण, लोग आगे आ रहे हैं। जनसंख्या का आकार भी हर साल अधिक मौतों में योगदान देता है।” उन्होंने बताया कि मृत्यु दर में गिरावट और कोई प्रकोप नहीं होने के बावजूद पिछले वर्षों में अधिक मृत्यु पंजीकरण वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा, ”इसलिए, हमें यह याद रखना चाहिए कि अतिरिक्त मौतें कोविड-19 के कारण नहीं हैं, बल्कि इसके अन्य कारण भी हैं।”

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com