चूहा घोटाला! आखिर ये क्या है? जाहिर है इस खबर का हेडर देखकर सबसे पहले ऐसे ही सवाल आपके जेहन में आ रहे होंगे। अब बिहार में तो चूहों ने शराब घोटाला कर डाला था, लेकिन यहां तो चूहों के नाम पर ही घोटाला कर दिए जाने के आरोप लग रहे हैं। खबर महाराष्ट्र से है, जहां मंत्रालय ने एक कंपनी को मंत्रालय में चूहे मारने का ठेका दिया था। ठेका कोई आनन-फानन में नहीं दिया गया, बल्कि बाकायदा सर्वे कराया गया, सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वर्क ऑर्डर निकाला गया, 6 महीने में काम पूरा करने की डेडलाइन दी गई। कंपनी ने छह महीने का काम मात्र 7 दिन में पूरा कर लिया, वर्क रिपोर्ट जमा कर दी और इस काम के बदले भुगतान भी हो गया। अब ये खुलासा हुआ है कि एक हफ्ते में कंपनी ने जो काम किया, वो काम तो इतने कम वक्त में हो ही नहीं सकता। यही है वो चूहा घोटाला, जिसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों जमकर चर्चा हो रही है।
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3 मई 2016 से 9 मई 2016 के हफ्ते में महाराष्ट्र के मंत्रालय में इस कथित चूहा घोटाले को अंजाम दिया गया। इस हफ्ते में 3 लाख 19 हजार 400 चूहे कंपनी ने मारे। किस फ्लोर पर, किस ओर कंपनी ने कितने चूहे मारे, इसकी रिपोर्ट भी सौंपी गई। अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने सवाल किया है कि 7 दिन में 319400 चूहे कंपनी ने कैसे मार दिए, जबकि बीएमसी दो साल में कुल 6 लाख चूहे ही मार पाती है? खडसे ने मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग के इस ठेके को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कंपनी ने जो दावा किया, उसके हिसाब से उसने औसतन 45 हजार 628 चूहे रोजाना मारे। इस हिसाब से कंपनी ने हर मिनट औसतन 31 से 32 चूहे मारे। खडसे ने सदन में ठहाकों के बीच हिसाब लगाते हुए ये भी बताया कि अनुमान के मुताबिक मारे गए चूहों का वजन करीब 9121.71 किलो होना चाहिए था, जिसे ढोने के लिए कंपनी को रोजाना कम से कम एक ट्रक की जरूरत पड़ी होगी। खडसे ने कहा कि रोजाना एक ट्रक मरे चूहों को कंपनी ने सात दिन तक आखिर कहां फेंका?
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मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग ने ये ठेका दिया था। इस विभाग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस हैं। पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने सीधे फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले की जांच की मांग की है। अब कांग्रेस ने इसे लेकर कहा है कि ये सरकार दावा तो करती है पारदर्शी शासन का, लेकिन हर जगह भ्रष्टाचार-घोटाला है, यहां तक कि महाराष्ट्र में चूहा मारने में भी घोटाला किया जा रहा है।
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