दिल्ली की अदालत ने नकली नोट की तस्करी के आरोप में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया

दिल्ली की अदालत ने नकली नोट की तस्करी के आरोप में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया

दिल्ली की अदालत ने नकली नोट की तस्करी के आरोप में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया

hata news/ image source: IBC24

Modified Date: October 22, 2025 / 08:38 pm IST
Published Date: October 22, 2025 8:38 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को जाली नोटों के इस्तेमाल के अपराध में दोषी करार देते हुए कहा कि जब अभियोजन पक्ष का मामला पर्याप्त रूप से साबित हो चुका है तो जांच अधिकारी की ओर से की गई चूक उसकी मदद नहीं कर सकती।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर, मोहम्मद कामिल के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थीं, जिसे 2018 में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था।

न्यायाधीश ने 14 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा, ‘‘यह अदालत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती कि वर्तमान मामले में पुलिस के गवाह बरकरार हैं और उनकी गवाही में कोई बड़ा विरोधाभास नहीं है तथा बचाव पक्ष पुलिस गवाहों से जिरह के दौरान अपने पक्ष में कुछ भी साबित करने में विफल रहा है।’

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अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह बात शक से परे साबित कर दी है कि कामिल ने जाली या नकली करेंसी नोटों को असली बताकर इस्तेमाल किया। यह अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 498बी के तहत आता है।

अदालत ने कहा, ‘जांच अधिकारी की कुछ गलतियों या लापरवाहियों के कारण आरोपी को फायदा नहीं मिल सकता, खासकर तब जब अभियोजन पक्ष ने उपलब्ध सबूतों के आधार पर अपना मामला अच्छी तरह साबित कर दिया है।’

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी को 10 मई 2018 को सीलमपुर मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था, जहां वह नकली नोट के पैकेट देने पहुंचा था। उसके पास से दो पैकेट बरामद किए गए, जिनमें से हर एक में 200 की संख्या में 2000 रुपये के नोट थे। कुल मिलाकर आठ लाख रुपये मूल्य के नकली नोट जब्त किये गए।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अदालत को यह मानने में कोई झिझक नहीं है कि आरोपी आठ लाख रुपये की नकली भारतीय मुद्रा देने या फैलाने के इरादे से उस जगह पहुंचा था।’’

अदालत ने कहा कि नकली करेंसी की बरामदगी से यह साफ होता है कि आरोपी का इरादा इन्हें बेचने का था।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपराध के सभी जरूरी पहलुओं को साबित कर दिया है, जबकि बचाव पक्ष यह नहीं बता सका कि आरोपी के पास इतनी बड़ी मात्रा में नकली नोट कहां से आए।

सजा की मात्रा पर बहस के लिए मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

भाषा तान्या संतोष

संतोष


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