दिल्ली सरकार ने बाल देखभाल संस्थानों से यौन उत्पीड़न के मामले रोकने के उपाय करने को कहा

दिल्ली सरकार ने बाल देखभाल संस्थानों से यौन उत्पीड़न के मामले रोकने के उपाय करने को कहा

दिल्ली सरकार ने बाल देखभाल संस्थानों से यौन उत्पीड़न के मामले रोकने के उपाय करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: October 22, 2020 11:58 am IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने यौन उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए बाल देखभाल संस्थानों को बच्चों के साथ नियमित रूप से बातचीत करने और महत्त्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित कई उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

महिला और बाल विकास विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 101 बाल देखभाल संस्थान हैं, जिनमें से 23 संस्थान सरकार द्वारा और 78 संस्थान गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित किये जाते हैं।

सरकार ने कहा कि ऐसे संस्थानों के अधिकारियों को, किसी व्यक्ति के खिलाफ शिकायत का पता चले, तो ऐसे में उन्हें बच्चे की बात धैर्य से सुनना चाहिए।

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मंगलवार को जारी एक आदेश में, विभाग ने इन संस्थानों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यदि कोई बच्चा, यौन उत्पीड़न के बारे में शिकायत करता है, तो घटना की रिपोर्ट करने के तुरंत बाद उसकी चिकित्सा जांच कराएं।

डब्ल्यूसीडी की निदेशक रश्मि सिंह ने आदेश में कहा, ‘आजकल बाल यौन शोषण एक बड़ी चिंता का विषय है और बाल यौन शोषण से लड़ने के लिए जागरूकता लाना और बच्चों को मजबूत बनाना जरूरी है।’

सिंह ने ऐसे संस्थानों के अधीक्षकों और प्रभारियों को बच्चे के साथ हुई घटना के बारे में चर्चा करते समय संवेदनशील होने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि घटना के बारे में निकटतम पुलिस थाने को सूचित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘इन संस्थानों को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श पर बच्चों के साथ नियमित बातचीत सत्र का आयोजन करना चाहिए। बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम, 2012 और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 पर नियमित जागरूकता कार्यक्रम होना चाहिए।’’

आदेश में कहा गया है कि अधीक्षक, प्रभारी और काउंसलर बच्चों के साथ नियमित संवाद करें और बच्चों का विश्वास जीतने के लिए उनसे अधिक सक्रिय ढंग से बातचीत करें।

भाषा कृष्ण मनीषा

मनीषा


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